ओ.एम.आर नहीं, लिखित हो परीक्षा का प्रारूप: अभाविप की प्रमुख मांगें, सौंपा 11 सूत्रीय ज्ञापन

BRAJESH KUMAR GAUTAM
4 Min Read
ओ.एम.आर नहीं, लिखित हो परीक्षा का प्रारूप: अभाविप की प्रमुख मांगें, सौंपा 11 सूत्रीय ज्ञापन

आगरा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की आगरा विश्वविद्यालय इकाई ने बुधवार को भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय प्रशासन को 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में अभाविप ने कई महत्वपूर्ण मांगें कीं, जिनमें से प्रमुख यह थी कि विश्वविद्यालय में होने वाली परीक्षाओं का प्रारूप ओ.एम.आर. (ऑप्शनल मल्टीपल चॉइस रेस्पॉन्स) न होकर लिखित हो।

मुख्य मांगें

  1. परीक्षाओं का लिखित प्रारूप: अभाविप ने मांग की कि विश्वविद्यालय की परीक्षाएं ओ.एम.आर. प्रारूप में न होकर लिखित प्रारूप में आयोजित की जाएं। यह छात्रों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा और परीक्षा की निष्पक्षता को सुनिश्चित करेगा।

  2. स्थायी रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी की नियुक्ति: विश्वविद्यालय में स्थायी रजिस्ट्रार और स्थायी वित्त अधिकारी की नियुक्ति की जाए ताकि प्रशासनिक कार्यों में कोई रुकावट न हो।

  3. नए डीएसडब्ल्यू की नियुक्ति: विद्यार्थियों के कल्याण के लिए नए डीएसडब्ल्यू की नियुक्ति की जाए ताकि छात्र-छात्राओं की समस्याओं का समाधान शीघ्र हो सके।

  4. ऑफलाइन कक्षाएं: शोध छात्रों के लिए ऑफलाइन कक्षाओं की व्यवस्था की जाए, ताकि उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए।

  5. आरटीआई की सुविधा: सभी विद्यार्थियों के लिए आरटीआई (सूचना का अधिकार) बहाल किया जाए, ताकि वे अपने अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें।

  6. छलेसर पर फुट ओवर ब्रिज का निर्माण: बिछवा स्थित छलेसर पर फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाए ताकि विद्यार्थियों और स्थानीय लोगों को सड़क पार करने में कोई कठिनाई न हो।

See also  निजी अस्पतालों की अवैध एंबुलेंसों पर कार्रवाई, 2 सीज

विद्यार्थियों का आरोप

इकाई अध्यक्ष नितिन दुबे ने कहा कि पिछले कई वर्षों से विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ समय पहले कुलपति ने आश्वासन दिया था कि परीक्षाएं लिखित प्रारूप में आयोजित की जाएंगी, लेकिन अब ओ.एम.आर. प्रारूप को फिर से प्राथमिकता दी जा रही है, जो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

इकाई मंत्री गोविंद वार्ष्णेय ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन हमेशा छात्र विरोधी मानसिकता दिखा रहा है, जो अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले 48 घंटों में यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन मुद्दों पर कार्रवाई नहीं की, तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करेगी और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेगी।

See also  पं.दीनदयाल सिविल एन्‍कलेव को शिफ्ट करवायें माननीय, नया प्रोजेक्ट बनवाना औचित्य हीन, प्रोजेक्ट को रिवाइज्‍ड करवाना ज्यादा व्यावहारिक

गर्ल्स कॉमन रूम और पेयजल की समस्याएं

इकाई उपाध्यक्ष दीक्षा चौधरी ने कहा कि पेयजल और गर्ल्स कॉमन रूम की समस्याएं कोई नई नहीं हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इन मुद्दों को हमेशा नजरअंदाज करता रहा है। अभाविप की मांग है कि इन समस्याओं का जल्द समाधान किया जाए, ताकि विशेष रूप से छात्राओं को राहत मिल सके।

कार्यकर्ताओं की उपस्थिति

इस धरना प्रदर्शन में महानगर संगठन मंत्री गौरव यादव, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनमोहन सिंह, शुभम कश्यप, पुनीत कुमार, सुमित शर्मा, सुब्रत हरदेनिया, आकाश शर्मा, कृष्णकांत, शिवांग खंडेलवाल, उमंग तिवारी, देव कटारा, पीयूष त्रिपाठी, शिवम कोहली, सत्यम कुशवाह, प्रियांशु सिसोदिया, सागर चौधरी, रचित, शिवम् कोली, ऋषभ मालोनिया, सत्यम और अन्य प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित थे।

See also  आगरा में एडीए ने अवैध कॉलोनी को किया ध्वस्त

अभाविप ने चेतावनी दी है कि अगर इन मुद्दों पर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वह आगामी दिनों में और अधिक उग्र आंदोलन करेगा और इसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

See also  नहर की पटरियों को नुकसान पहुंचा रहे खनन डंपरों पर सिंचाई विभाग का कड़ा एक्शन
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement