एटा। एटा जिले के जैथरा थाना क्षेत्र में एक मां-बेटी को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा था। लेकिन उनकी आपबीती सुनकर क्षेत्राधिकारी (सीओ) नीतेश गर्ग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष को तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया, जिससे पीड़ित परिवार को राहत मिली।
थाने की टालमटोल से परेशान थीं मां-बेटी
यह मामला जैथरा थाना क्षेत्र के ग्राम प्रहलादपुरा का है। पीड़िता अनीता देवी का आरोप है कि 26 जुलाई को गांव के कुछ दबंगों ने उनके और उनकी बेटी के साथ गाली-गलौज और मारपीट की। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो दबंगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इस घटना के बाद, पीड़िता ने तुरंत थाने में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
न्याय की उम्मीद में अनीता और उनकी बेटी कई दिनों तक थाने के चक्कर लगाती रहीं, लेकिन उनकी फरियाद को अनसुना कर दिया गया। पुलिस की टालमटोल से निराश होकर, वे आखिरकार सीओ कार्यालय पहुंचीं और क्षेत्राधिकारी नीतेश गर्ग के सामने अपनी पूरी व्यथा सुनाई।
सीओ ने दिखाई सख्ती, तुरंत FIR दर्ज करने का निर्देश
पीड़िता की आपबीती सुनकर सीओ अलीगंज नीतेश गर्ग ने मामले की गंभीरता को समझा। उन्होंने तत्काल थानाध्यक्ष को सख्त निर्देश दिया कि पीड़िता की तहरीर पर बिना किसी देरी के एफआईआर दर्ज की जाए और आरोपियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
सीओ के इस त्वरित हस्तक्षेप से पीड़िता को न्याय की उम्मीद जगी है। अनीता देवी ने राहत की सांस लेते हुए कहा, “अब हमें उम्मीद है कि हमें इंसाफ मिलेगा।”
ग्रामीणों ने की सीओ की पहल की सराहना
इस घटना से ग्रामीण भी बेहद प्रभावित हुए हैं। उनका कहना है कि अगर पुलिस अधिकारी इसी तरह पीड़ितों की बात सुनकर तुरंत कार्रवाई करें, तो दबंगों के हौसले पस्त होंगे और अपराधों में कमी आएगी। ग्रामीणों ने सीओ नीतेश गर्ग की इस पहल की सराहना की और कहा कि इससे गरीब और निर्धन लोगों को भी न्याय मिल सकेगा। यह घटना पुलिस प्रशासन के लिए एक सकारात्मक संदेश है कि त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई से जनता का भरोसा जीता जा सकता है।