संविधान दिवस के उपलक्ष्य में युवा अधिवक्ता संघ और अधिवक्ता सहयोग समिति द्वारा विचार गोष्ठी का आयोजन

MD Khan
By MD Khan
3 Min Read

एटा: आज संविधान दिवस के अवसर पर युवा अधिवक्ता संघ और अधिवक्ता सहयोग समिति ने संयुक्त रूप से एक महत्वपूर्ण विचार गोष्ठी का आयोजन किया। इस गोष्ठी का उद्देश्य संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों, मानवाधिकारों और शिक्षा के अधिकार की रक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश कुमार वर्मा ने की, जिन्होंने अपने संबोधन में संविधान के महत्व और समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए संविधान के अधिकारों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

संविधान और मानवाधिकारों की रक्षा पर जोर

वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश कुमार वर्मा ने कहा, “समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने और एक समानता की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए हमें संविधान में दिए गए अधिकारों का पालन करना और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने से समाज में बदलाव आ सकता है, जो समग्र विकास और समानता की दिशा में एक कदम होगा।

See also  आगरा: मुकदमे के बाद भी थाने से चरित्र प्रमाण पत्रों पर लग रही रिपोर्ट, सीकरी पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

संचालन करते हुए नितिन वर्मा का संदेश

युवा अधिवक्ता संघ के मंडल अध्यक्ष नितिन वर्मा ने विचार गोष्ठी का संचालन करते हुए बताया कि 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि नवम्बर 1950 में सामाजिक न्याय और आधिकारिकता मंत्रालय ने संविधान को लागू किया था। नितिन वर्मा ने कहा, “मानवाधिकारों की रक्षा करना हमारे समाज की जिम्मेदारी है और इस दिशा में अधिवक्ताओं को सदैव अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।”

गोष्ठी में प्रमुख अधिवक्ताओं की उपस्थिति

इस विचार गोष्ठी में कई प्रमुख अधिवक्ता उपस्थित थे, जिनमें वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता एम.के. शर्मा, सुरेन्द्र सिंह, रविन्द्र कुमार सिंह, सिकन्दर सहेरा, विनोद कुमार सिंह, मनीष अहलावत और देव कुमार कृपाल सिंह शामिल थे। सभी ने संविधान के महत्व पर अपने विचार साझा किए और समाज में संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों के सही उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

See also  Crime News: सोशल मीडिया पर दोस्ती कर बनाया अश्लील वीडियो फिर करने लगा ब्लैकमेल

संविधान के अधिकारों की सुरक्षा में अधिवक्ताओं की भूमिका

सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अधिवक्ताओं का कर्तव्य है कि वे संविधान में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा अग्रणी भूमिका में रहें। विशेष रूप से मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अधिवक्ता समाज में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित इस विचार गोष्ठी ने संविधान के महत्व और उसमें प्रदत्त अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। युवा अधिवक्ता संघ और अधिवक्ता सहयोग समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि संविधान के प्रति सम्मान और उसके अधिकारों का पालन समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

See also  एंटी रोमियो टीम ने महिलाओं को किया जागरूक, महिला सुरक्षा को लेकर किया जागरूकता अभियान

 

 

See also  एंटी रोमियो टीम ने महिलाओं को किया जागरूक, महिला सुरक्षा को लेकर किया जागरूकता अभियान
Share This Article
Leave a comment