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थानाध्यक्ष अछनेरा के विरुद्ध अदालत के आदेश की अवहेलना पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश

MD Khan
3 Min Read

आगरा: आगरा के अछनेरा थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ अदालत के आदेशों का लगातार अनुपालन न करने पर अपर जिला न्यायाधीश (ADJ) 13 महेश चंद्र वर्मा ने थानाध्यक्ष अछनेरा के विरुद्ध प्रकीर्ण (मिसलेनियस) वाद दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने पूर्व में भी थानाध्यक्ष को इस बाबत सचेत किया था, लेकिन चेतावनी के बावजूद लापरवाही जारी रही।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला वर्ष 2017 से लंबित एक हत्या और सबूत नष्ट करने के आरोप से संबंधित है। आरोपी देवेंद्र, नेत्रपाल और इंद्रजीत के विरुद्ध ADJ 13 महेश चंद्र वर्मा की अदालत में मुकदमा चल रहा है। यह मुकदमा काफी पुराना होने के कारण “प्राचीन वाद” की श्रेणी में आता है।

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इस मामले में मुख्य रूप से विवेचक/निरीक्षक जगदम्बा सिंह की गवाही लंबित थी। विवेचक लंबे समय से अदालत में हाजिर नहीं हो रहे थे, जिसके कारण अदालत ने उनके विरुद्ध गैर-जमानती वारंट और नोटिस जारी किए थे। इन वारंटों और नोटिसों की तामील (delivery) की जिम्मेदारी थानाध्यक्ष अछनेरा को सौंपी गई थी।

थानाध्यक्ष की लगातार लापरवाही

अदालत के आदेश के बावजूद, थानाध्यक्ष अछनेरा ने न तो वारंटों और नोटिसों की विधिवत तामील गवाह पर कराई, और न ही बिना तामील के वारंट या नोटिस अदालत में वापस भेजे। इस पर अदालत ने थानाध्यक्ष के कृत्य को कर्तव्य में लापरवाही और न्यायालय के आदेश की अवहेलना मानते हुए उन्हें भविष्य के लिए सचेत किया था। अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि वे न्यायालय द्वारा जारी सभी समन, नोटिस और अन्य अधिपत्रों की तामील नियमानुसार कराते हुए नियत तिथि पर न्यायालय में वापस करना सुनिश्चित करें, अन्यथा उनके विरुद्ध विधि अनुसार दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

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मोबाइल पर वार्ता और मोबाइल पर वारंट भेजने का बेतुका तर्क
इस चेतावनी के बावजूद, गवाह जगदम्बा सिंह के विरुद्ध पुनः जारी गैर-जमानती वारंट और नोटिस की तामील थानाध्यक्ष अछनेरा ने विधिवत नहीं कराई। बल्कि, उन्होंने गैर-जमानती वारंट पर यह कथन अंकित किया कि उन्होंने गवाह/विवेचक जगदम्बा सिंह से मोबाइल पर वार्ता की और गैर-जमानती वारंट एवं नोटिस को उनके मोबाइल पर भेजा।

अदालत का सख्त रुख: थानाध्यक्ष पर मुकदमा दर्ज

ADJ 13 महेश चंद्र वर्मा ने थानाध्यक्ष अछनेरा के इस कृत्य को गंभीर माना। अदालत ने कहा कि थानाध्यक्ष को तामील कराने का ज्ञान ही नहीं है। उनका यह कृत्य न्यायालय की अवमानना के साथ-साथ पुलिस अधिनियम की धारा 23/29 के तहत भी दंडनीय अपराध है।

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अदालत ने थानाध्यक्ष अछनेरा के विरुद्ध विधिक कार्यवाही हेतु प्रकीर्ण (मिसलेनियस) वाद दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इसके अतिरिक्त, विवेचक जगदम्बा सिंह के विरुद्ध जारी गैर-जमानती वारंट और नोटिस की तामील हेतु पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी सक्षम पुलिस अधिकारी के माध्यम से गवाह पर तामील कराएं।

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