आगरा: विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में चरन जीत सिंह उर्फ रिंकू सरदार और उनकी पत्नी श्रीमती हरमीत कौर की गैंगस्टर एक्ट के तहत जिलाधिकारी द्वारा जब्त की गई संपत्ति को अवमुक्त (रिलीज़) करने का आदेश दिया है।
क्या था मामला?
मामले के अनुसार, पुलिस प्रशासन ने चरन जीत सिंह उर्फ रिंकू सरदार (पुत्र स्वर्गीय बलवीर सिंह, निवासी कमला नगर, जिला आगरा) और उनकी पत्नी श्रीमती हरमीत कौर की लाखों की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत जिलाधिकारी आगरा के आदेश पर जब्त कर लिया था।
पुलिस ने रिंकू सरदार के विरुद्ध विभिन्न थानों में दर्ज मुकदमों को आधार बनाकर प्रशासन को एक रिपोर्ट भेजी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि आरोपी ने चोरी की गाड़ियों की खरीद-फरोख्त, जुआ, सट्टा, रंगदारी, अवैध वसूली, और मोटी ब्याज पर लोगों को पैसा देकर उनका उत्पीड़न जैसे अपराधों के माध्यम से कुछ ही वर्षों में अवैध कमाई की। इसी कमाई से उसने अपने और अपनी पत्नी के नाम से 19 संपत्तियाँ खरीदी थीं, जिन्हें जब्त करने के लिए पुलिस ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी थी।
तत्कालीन जिलाधिकारी ने पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर 23 जुलाई 2020 को गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपी चरन जीत सिंह उर्फ रिंकू सरदार और उनकी पत्नी की संपत्ति जब्त करने के आदेश दिए थे।
कोर्ट ने दिया संपत्ति छोड़ने का आदेश
जिलाधिकारी के इस कुर्की (जब्ती) आदेश के विरुद्ध, आरोपी पक्ष ने जनपद न्यायालय में अपील दायर की।
विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) पवन कुमार श्रीवास्तव ने मामले की सुनवाई की। आरोपी के अधिवक्ता नरेश कुमार शर्मा के तर्कों पर विचार करने के बाद, न्यायालय ने जब्त/कुर्क की गई संपत्ति को अवमुक्त (रिलीज़) करने का आदेश दिया।
इस आदेश के बाद अब रिंकू सरदार और उनकी पत्नी की जब्त की गई संपत्ति उन्हें वापस मिल सकेगी।