ताज प्रदेश और पश्चिम प्रदेश के लिए मिलकर लड़ेंगे संगठन

Dharmender Singh Malik
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आगरा। ताज प्रदेश निर्माण समिति और पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा ने उत्तर प्रदेश के विभाजन के लिए मिलकर लड़ने का फैसला किया है। इनके साथ राज्य के विभिन्न हिस्सों में विभाजन के लिए लड़ाई लड़ रहे 13 अन्य संगठन भी होंगे। यह निर्णय वायु विहार रोड पर स्थित राजराजेश्वरी बैंकेट में आयोजित कार्यक्रम में लिया गया।

पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा प्रदेश विभाजन के लिए विभिन्न जिलों से होते हुए रविवार को आगरा पहुंचा था। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतपाल यादव और महासचिव सुधीर कुमार और उनकी टीम का जोरदार स्वागत किया गया।

इस मौके पर ताज प्रदेश निर्माण समिति के संयोजक डॉ सुरेंद्र सिंह ने कहा कि मुरादाबाद और मेरठ मंडल की आबादी 3.50 करोड़ से ज्यादा है, आगरा और अलीगढ़ मंडल की आबादी करीब ढाई करोड़ है जो हरियाणा और पंजाब की बराबर है। 1966 में पंजाब का विभाजन हुआ था, तब इनकी आबादी डेढ़ करोड़ भी नहीं होगी। जब पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश अलग राज्य बन सकते हैं तो पश्चिम प्रदेश और ताज प्रदेश क्यों नहीं।

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उन्होंने दावे के साथ कहा कि नए राज्य बनने पर पश्चिम प्रदेश और ताज प्रदेश विकास के मामले में देश में पहले स्थान पर होंगे, जो अन्य छोटे-छोटे राज्य बनेंगे वह भी तरक्की करेंगे।

पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष सतपाल यादव ने कहा कि छोटे-छोटे राज्य बनने से ही विकास होगा। महासचिव सुधीर कुमार ने कहा कि मिलकर लड़ने में जो ताकत है, वह अकेले में नहीं है। हम सब साथ-साथ हैं।

ताज प्रदेश निर्माण समिति के सचिव दिनेश कुमार वर्मा ‘सारथी’ ने उत्तर प्रदेश के इतिहास पर व्यापक प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि पहले आगरा न केवल देश की राजधानी रहा बल्कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए राज्य की भी राजधानी रहा। शिक्षक नेता सुखबीर सिंह ने कहा कि ताज प्रदेश निर्माण समिति की पहली बैठक मेरे आवास पर हुई थी।

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स्वागत श्याम सिंह चाहर ने तथा संचालन पुष्पेंद्र सिंह भगौर ने किया।

नए राज्य बनने से विकास में तेजी आएगी

ताज प्रदेश और पश्चिम प्रदेश के लिए मिलकर लड़ने का फैसला उत्तर प्रदेश के विभाजन की मांग को लेकर एक बड़ी उपलब्धि है। इन दोनों क्षेत्रों की आबादी काफी बड़ी है और इनमें विकास की अपार संभावनाएं हैं। नए राज्य बनने से इन क्षेत्रों में विकास की गति में तेजी आएगी।

पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष सतपाल यादव का कहना है कि छोटे-छोटे राज्य बनने से ही विकास होगा। यह बात बिल्कुल सही है। छोटे राज्यों में विकास की योजनाओं को लागू करना और उनका लाभ आम लोगों तक पहुंचाना आसान होता है।

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ताज प्रदेश निर्माण समिति के सचिव दिनेश कुमार वर्मा ‘सारथी’ का कहना है कि आगरा न केवल देश की राजधानी रहा बल्कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए राज्य की भी राजधानी रहा। यह बात आगरा के महत्व को दर्शाती है। आगरा को अलग राज्य बनाने से इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया जा सकता है।

नए राज्य बनने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोगों को अपनी समस्याओं के लिए स्थानीय स्तर पर ही समाधान मिल सकेगा। इससे प्रशासनिक व्यवस्था में भी पारदर्शिता आएगी।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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