खानकाह आलिया का दरिया मेवा कटरा मैं हुई गरीब नवाज की फातिहा तथा रोजा इफ्तार छठे रमजान उल मुबारक के मौके पर ख्वाजा गरीब नवाज की फातिहा व रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया। खानकाह के सज्जादा नशीन हजरत सैयद अजमल अली शाह जाफरी कादरी नियाज़ी ने फातिहा पड़ी आए हुए अकीदत मन दो मुरीदो से कहा कि हजरत ख्वाजा गरीब नवाज ने हिंदुस्तान में दिन की तबलीग इस तरह से की के उनसे जो भी मिलता बस उन्हीं का हो जाता एक बार जो शख्स गरीब नवाज को देख ले वह शक्स दोबारा देखने की ख्वाहिश रखता था। आपकी इतनी मीठी बोली कि चंद्र परिंदे भी आपकी आवाज सुनने के लिए आते थे। आपने हिंदुस्तान में रहकर दिन की इस तरह से तबली की के किसी के दिल को ठेस ना पहुंचाएं ।आप गरीब नवाज जिस वक्त अजमेर शरीफ की सर जमी पर तस्वीर लाएं तब अजमेर शरीफ में दिन को समझने वाला कोई ना था। आपने हजरत मोहम्मद साहब के बताएं रास्ते पर चलकर दिन की तबलिक की और अल्लाह तबारक ताला ने ख्वाजा को इस तरह से अपना महबूब ए दोस्त बनाया की आज उनके दर से जो भी मांगता है। वह अल्लाह तबार ताला ख्वाजा गरीब नवाज के वसीले से उसको आता फरमाता है ख्वाजा गरीब नवाज अता ए रसूल है आपका नसीब हसनी हुसैनी है आप रसूल अल्लाह के खानदान के चश्मो चराग है आप की छठी पूरे हिंदुस्तान में हर जगह मनाई जाती है दिल से गरीब नवाज को जो याद पर माता है। गरीब नवाज उस शख्स के मुश्किल वक्त में काम आते हैं क्योंकि आपका यह फरमान है कि जो मुझे अपने मुश्किल वक्त में याद फरमाता है मैं उसका हो जाता हूं और उसकी परेशानी अल्लाह तबारक ताला से कहकर दूर करा देता हूं। फातिहा के बाद रोजा इफ्तार भी किया गया। बाद नमाज मगरिब लंगर तकसीम किया गया।
इस मौके पर सैयद शब्बीर अली, शाह नियाज़ी सैयद फैज, अली शाह, नियाज़ी सैयद, अंबर अली शाह, नियाज़ी सैयद गालिब अली शाह, नियाज़ी हाजी, अफजाल अहम,द नियाज़ी जमाल, अहमद नियाज़ी, हाजी इल्यास, अख्तर वारसी, आमिर नियाज़ी, नदीम, नियाज़ी, जमील नियाजी आदि लोग शामिल रहे।