प्रधान पति बोले—चार महीने पहले हुई सफाई, सचिव बोले—हर हफ्ते होती है सफाई
महुअर में लाखों की लागत से बना कूड़ादान बना बदइंतजामी की मिसाल
किरावली। स्वच्छ भारत मिशन और पंचायत निधि के तहत लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए कूड़ादान (कूड़ाघर)अब सफाई व्यवस्था सुधारने के बजाय खुद गंदगी फैलाने का कारण बन रहे हैं। ब्लॉक अछनेरा के ग्राम पंचायत महुअर में बने कूड़ादान का रखरखाव पूरी तरह राम भरोसे है। रविवार को किसी राहगीर ने कूड़ाघर के बाहर फैले कचरे के अंबार की तस्वीर खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। तस्वीर सामने आते ही सचिव और ग्राम प्रधान की आंखें खुलीं और शाम करीब छह बजे जेसीबी मंगाकर मुख्य सड़क पर फैला कचरा हटवाया गया है।
गांव के कूड़ादान(कूड़ाघर) की बाउंड्री के भीतर सफाई का नामोनिशान नहीं है, उल्टा चारों ओर कचरे का अंबार लगा है। बदबू और गंदगी से ग्रामीण परेशान हैं। मवेशी व आवारा कुत्ते कचरे को फैलाकर बीमारी का खतरा बढ़ा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि न तो सफाईकर्मी नियमित आते हैं और न ही कचरा निस्तारण की कोई व्यवस्था है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है।सबसे चिंता की बात यह है कि देश के वीर शहीदों की स्मृति में बना शहीद स्मारक कूड़ाघर के ठीक पास स्थित है, जहां गंदगी और बदबू का आलम है। हालात देखकर राहगीर तक तंज कसने लगे हैं— “अगर यह स्वच्छता है, तो गंदगी कैसी होगी?”इस संबंध में जब ग्राम प्रधान पति चंदन कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि चार महीने पूर्व कचरा जेसीबी से हटाया गया था, लेकिन कुछ ग्रामीण कूड़ा सड़क पर डाल देते हैं। वहीं, सचिव वीरेंद्र कुमार ने दावा किया कि हर हफ्ते सफाई कराई जाती है, लेकिन तस्वीरें साफ तौर पर बयां कर रही हैं कि यहां हफ्ते की बात तो दूर, पिछले दो हफ्तों से सफाई नहीं हुई है। अब देखना यह है कि सचिव के दावे सड़क पर फैले कूड़े को रोकने में कितने कारगर साबित होते हैं।