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रमंते इति राम: पर काव्य गोष्ठी- राम हमारी अस्मिता के प्रतीक हैं : ‘राज’

रमंते इति राम: पर काव्य गोष्ठी- राम हमारी अस्मिता के प्रतीक हैं : 'राज'

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र परिषद प्रकोष्ठ द्वारा संस्कृति भवन में एक काव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शहर के जाने-माने कवि डॉ. राजेंद्र मिलन ने की। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉ. राज बहादुर सिंह ‘राज’ ने भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में किए जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राम हमारी अस्मिता के प्रतीक हैं। हम सभी सौभाग्यशाली है कि राम मंदिर हमारे सामने बन रहा है और हम सब उसके साक्षी हैं। ऐसा अवसर हमारे पूर्वजों को नहीं मिल पाया था।

विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर युवराज सिंह ने भगवान राम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “तुम्हारे राम नाम की देखो महिमा अपरंपार। सृष्टि के आधार हो तुम तुम प्राणों का संसार’। कार्यक्रम में प्रसिद्ध कवित्री डॉक्टर शशी गुप्ता ने अपना काव्य पाठ करते हुए कहा कि “राम रमैया गए जा, जीवन पार लगाए जा। राम ही तन में, राम ही मन में, राम नाम धुन गए जा।”

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कार्यक्रम के संयोजक तथा विश्वविद्यालय में पुरातन छात्र प्रकोष्ठ के डीन प्रोफेसर लवकुश मिश्रा ने राम को सारे विश्व से जोड़ते हुए कहा कि राम ही ब्रह्म है और जन-जन की आस्था के केंद्र हैं। भारत देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी आज पूरा वातावरण राममय है। हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है कि हम सभी सनातनी है और अपने जीवन काल में भगवान राम का 500 वर्षों बाद मंदिर बनते हुए देख रहे हैं।

मुख्य अतिथि श्री राज बहादुर सिंह राज ने अपनी कविता में कहा “तन में हमारे राम मन में बसे हैं राम। रोम रोम में रामायण राम जी का नाम।।”

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर राजेंद्र मिलन ने अपना काव्य पाठ करते हुए कहा “वाल्मीकि कृष्ण ने सबसे पहले रची थी राम कहानी, रामचरितमानस रच तुलसी की अमर हो गई वाणी।”

डॉ. केशव शर्मा ने अपना काव्य पाठ करते हुए कहा “सब ने मिलकर घर द्वार सजाये, तोरण द्वार बनाए। त्रेता जैसी सजी अयोध्या आज राम घर आए।”

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने अपना काव्य पाठ करते हुए कहा “जब-जब जग में पाप बढ़ेंगे तब तक अवतारेंगे राम। कोई रावण नहीं बचेगा ढूंढ ढूंढ मारेंगे राम।”

डॉक्टर ज्योत्स्ना शर्मा ने कहा “राम से बड़ा राम का नाम। राम नाम लेने से बनते सारे बिगड़े काम।।”

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इस अवसर पर नगर के कवि कवित्रियों में श्वेता सागर, नीलम रानी गुप्ता, डॉक्टर चेतना, सुधा वर्मा, पद्मावती ‘पदम’, राजेश्वरी ‘राज’ एवं इंदल सिंह ‘इंदु’ ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन कन्हैया मानिक लाल मुंशी संस्थान में हिंदी के प्राध्यापक डॉ. केशव शर्मा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन राजा बलवंत सिंह महाविद्यालय में हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ. युवराज सिंह ने किया।

इस अवसर पर डॉक्टर शार्दुल मिश्रा, डा0दीपक कुलश्रेष्ठ, अमित कुमार साहू, विभावरी माथुर, कुलदीप यादव, धनेश कुमार द्विवेदी, वकील, एलविना आदि उपस्थित रहे।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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