सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक दलित दूल्हे की घुड़चढ़ी रोकने के मामले ने स्थानीय समुदाय के बीच विवाद पैदा कर दिया। घटना थाना चिलकाना इलाके के गांव टोडरपुर की है, जहां एक दलित युवक संदीप कुमार की शादी की बारात निकाली जा रही थी। हालांकि, विशेष समुदाय के कुछ दबंगों ने इस बारात का विरोध करते हुए दूल्हे की घुड़चढ़ी होने से रोक दी और बारात का रास्ता बंद कर दिया।
गांव टोडरपुर में गुरुवार दोपहर को संदीप कुमार की बारात आई थी। संदीप कुमार ने राजेंद्र की बेटी भारती से शादी करनी थी। शादी की रस्में और दावत चल रही थीं, और दूल्हे की घुड़चढ़ी की तैयारी हो रही थी। इस दौरान, विशेष समुदाय के कुछ लोगों ने घुड़चढ़ी का विरोध किया और उस रास्ते को भीड़ से बंद कर दिया, जिस रास्ते से घुड़चढ़ी निकलनी थी।
जब दलित समाज के जिम्मेदार लोग रास्ता खोलने की कोशिश करने पहुंचे, तो दबंगों ने धमकी देने लगे और घुड़चढ़ी को रोकने की कोशिश की। इसके बाद, जैसे ही इस घटना की सूचना बजरंग दल कार्यकर्ताओं को मिली, वे बड़ी संख्या में घटनास्थल पर पहुंच गए। इस दौरान, बाराती और घराती दोनों पक्षों में हंगामा शुरू हो गया।
घटना के बाद, विवाद बढ़ने पर पांच थानों की पुलिस फोर्स को मौके पर भेजा गया। कई घंटों तक तनाव बना रहा और गांव छावनी में तब्दील हो गया। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत कराया और दलित दूल्हे की घुड़चढ़ी का रास्ता खोला। इसके बाद, पुलिस की सुरक्षा में बारात और घुड़चढ़ी की रस्म पूरी की गई।
बजरंग दल की भूमिका
बजरंग दल के स्थानीय पदाधिकारी हरीश कौशिक ने कहा कि यह घटना पूरी तरह से जातिवाद से प्रेरित थी। उन्होंने बताया कि मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने दलित समाज के युवक की बारात का विरोध किया, जिसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और पुलिस की मदद से घुड़चढ़ी का रास्ता खोला।
पुलिस का बयान
एसपी सिटी व्योम बिंदल ने बताया कि कुछ लोगों द्वारा बारात को रोकने की सूचना मिली थी। सुरक्षा के लिहाज से कई थानों की पुलिस को मौके पर भेजा गया था। इसके बाद दोनों पक्षों को शांत किया और घुड़चढ़ी को सफलतापूर्वक निकाला गया।