आगरा: थाना कागारौल क्षेत्र के गांव अकोला में एक दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 22 वर्षीय विवाहिता ममतेश का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया और उसके शव का आधी रात में अंतिम संस्कार करने की कोशिश की गई। पुलिस ने समय रहते शव को जलती चिता से बाहर निकाल लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। इस पूरे घटनाक्रम ने समाज में दहेज प्रथा की गंभीरता और इससे होने वाली अमानवीय घटनाओं को एक बार फिर उजागर किया है।
संदिग्ध मौत और शव का जल्द अंतिम संस्कार
ममतेश का विवाह 5 दिसंबर 2022 को नगला परमाल निवासी चंद्रवीर सिंह से हुआ था। शादी के बाद के कुछ महीनों तक सब कुछ सामान्य था, लेकिन इसके बाद ममतेश को उसके ससुराल वाले दहेज की मांग को लेकर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देने लगे। बुधवार की रात ममतेश की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिसके बाद उसके पति और ससुराल वाले शव को लेकर श्मशान घाट पहुंचे और आनन-फानन में उसकी चिता सजाकर उसे जलाने लगे।
परिजनों का आरोप है कि यह पूरी घटना दहेज के लिए ममतेश की हत्या की साजिश का हिस्सा थी। मृतका का भाई नीरज इस घटना की सूचना मिलने के बाद श्मशान घाट पहुंचा और राख में अपनी बहन की अस्थियां ढूंढ़ने लगा। नीरज ने आरोप लगाया कि उसके ससुराल वालों ने दहेज की मांग पूरी न होने पर ममतेश को पीट-पीटकर मार डाला और सबूत मिटाने के लिए शव का अंतिम संस्कार करने की कोशिश की।
दहेज की मांग और लगातार प्रताड़ना
नीरज ने बताया कि उनकी बहन की शादी में लगभग 8 लाख रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन इसके बावजूद ममतेश के ससुराल वाले संतुष्ट नहीं थे और 3 लाख रुपये अतिरिक्त दहेज की मांग कर रहे थे। दहेज की यह मांग पूरी न होने पर ममतेश को गालियां दी जाती थीं और उसके साथ मारपीट की जाती थी। नीरज ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर गांव में कई बार पंचायत भी हुई, लेकिन ससुराल वाले अपनी मांग पर अड़े रहे और एक रुपया भी कम करने को तैयार नहीं थे।
हत्या का आरोप और पुलिस कार्रवाई
नीरज ने आरोप लगाया कि 3 अप्रैल, 2025 को उसके जीजा चंद्रवीर, सास राजेश, जेठ बल्देव, जेठानी अनसुइया, देवर पवन और देवरानी प्रियंका ने दहेज की मांग पूरी न होने पर ममतेश की पीट-पीटकर हत्या कर दी। जब घटना की सूचना पुलिस को मिली, तो अकोला पुलिस चौकी के इंचार्ज तुरंत मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। हालांकि, ससुराल वाले मौके से फरार हो गए। पुलिस ने मृतका के परिजनों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
इंसाफ की मांग
अपनी बहन के लिए इंसाफ की गुहार लगाते हुए नीरज ने कहा कि दहेज के लिए उसकी बहन की हत्या करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने अफसोस जताया कि अगर उन्हें पहले पता होता कि ससुराल वाले उनकी बहन को मार डालेंगे, तो वे उसे कभी वहां नहीं भेजते। नीरज ने यह भी कहा कि ससुराल वाले उनकी बहन को उनसे बात भी नहीं करने देते थे और दो साल तक उसे लगातार प्रताड़ित किया गया।
नीरज ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी बहन हमेशा के लिए चली गई और उन्हें अब समझ में आ रहा है कि लालची लोगों के यहां शादी नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी बहन का पति भी उसका साथ नहीं देता था और दो साल तक वह कितनी जिल्लत सह रही थी, यह सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
समाज में दहेज प्रथा का प्रभाव
यह घटना एक बार फिर समाज में दहेज प्रथा की जड़ें और इसके कारण होने वाली अमानवीय घटनाओं को उजागर करती है। दहेज की मांग और इसके कारण होने वाली हिंसा न केवल महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि पूरे समाज के लिए भी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। इस घटना के बाद समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूकता फैलाने की आवश्यकता और भी अधिक महसूस होती है।
पुलिस का बयान
थाना कागारौल पुलिस ने इस मामले में मृतका के परिजनों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया है और फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि जांच जारी है और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।
