पुलिस की ‘सृष्टाचार नीति’ मात्र दिखावा? ;वृद्ध महिला और नाबालिक को थाने में बैठाकर ₹2000 लेकर छोड़ने का आरोप

Faizan Pathan
Faizan Pathan - Journalist
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पुलिस की 'सृष्टाचार नीति' मात्र दिखावा? ;वृद्ध महिला और नाबालिक को थाने में बैठाकर ₹2000 लेकर छोड़ने का आरोप

आगरा: पुलिस कमिश्नर आगरा के तमाम प्रयासों के बावजूद भी आगरा पुलिस सुधारने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पुलिस की सृष्टाचार नीति केवल दिखावा बनकर रह गई है, जो प्रशासनिक निर्देशों को दरकिनार कर नागरिकों को परेशान करने का जरिया बन गई है। ताजा मामला आगरा के मलपुरा थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहाँ पुलिस ने एक वृद्ध महिला और नाबालिक को थाने में बैठाकर उनसे ₹2000 की रिश्वत ली और फिर उन्हें छोड़ दिया।

वृद्ध महिला और नाबालिक को किया परेशान

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शेरखान अबेपुर निवासी को आसिफ और उसके साथियों ने मारपीट कर घायल कर दिया था। पुलिस को सूचित करने के बाद पुलिस ने आसिफ को गिरफ्तार कर लिया और घायल शेरखान का चिकित्सा परीक्षण कराया। लेकिन इस घटना के बाद, आसिफ द्वारा शेरखान पर दबाव डाला जा रहा था। इसी बीच पुलिस ने शेरखान को भी थाने में बैठा लिया। जानकारी मिलने पर शेरखान की पत्नी, सास और अन्य रिश्तेदार थाने पहुंचे। इस दौरान किसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हो गई।

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पुलिस ने इस मामले को और बढ़ाते हुए वृद्ध महिला और नाबालिक सोहेल खान को थाने के ऑफिस में बैठा दिया और उन्हें जेल भेजने की धमकी दी। हालांकि, नाबालिक सोहेल बार-बार यह कहता रहा कि वह रमजान से है, लेकिन पुलिस को इस पर कोई रहम नहीं आया। न केवल उन्हें मानसिक यातनाएं दी गईं, बल्कि थाने में नमाज अदा करने से भी रोका गया। अंत में पुलिस ने ₹2000 की रिश्वत लेकर सोहेल और वृद्ध महिला को थाने से छोड़ दिया।

सृष्टाचार नीति का मात्र दिखावा?

यह घटना आगरा पुलिस की सृष्टाचार नीति पर सवाल उठाती है। पुलिस द्वारा दिखाए गए इस रवैये ने यह साबित कर दिया है कि केवल उच्च अधिकारियों के निर्देशों से कोई फर्क नहीं पड़ता, जब तक पुलिस की जमीन पर कार्यशैली में बदलाव नहीं होता। पुलिस कमिश्नर आगरा के तमाम प्रयासों के बावजूद भी ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जिससे आम नागरिकों को न केवल मानसिक बल्कि आर्थिक रूप से भी परेशान किया जाता है।

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वंचितसमाज इंसाफ पार्टी का विरोध

इस घटना को लेकर वंचितसमाज इंसाफ पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एडवोकेट नवाब गुल चमन शेरवानी ने उच्च अधिकारियों को फोन पर जानकारी दी। श्री शेरवानी ने आरोप लगाया कि पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन भी है। उन्होंने यह भी बताया कि वह कल पीड़ित परिवार के साथ पुलिस कमिश्नर से मिलने का निर्णय लिया है ताकि इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

सभी से निष्पक्ष जांच की मांग

शेरवानी ने पुलिस के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो। उन्होंने आगरा पुलिस को चेतावनी दी कि अगर जल्द ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, तो वंचितसमाज इंसाफ पार्टी सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी।

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फैजान पठान, संवाददाता दैनिक अग्र भारत समाचार, पिछले पाँच वर्षों से भी अधिक राजनीति और सामाजिक सरोकारों पर गहन रिपोर्टिंग कर रहा हु। मेरी लेखनी समाज की सच्चाइयों को सामने लाने और जनसमस्याओं को आवाज़ देने के लिए जानी जाती है। निष्पक्ष, निर्भीक और जनहित पत्रकारिता के करता आया हु और करता रहूंगा। ( कलम से सच बोलना मेरी पहचान है। )
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