आगरा, उत्तर प्रदेश: बेसिक शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य किए जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में सोमवार को आगरा में प्राथमिक शिक्षक संघ ने एक विशाल प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया और जिला मुख्यालय को जाम कर दिया। शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित एक छह-पृष्ठ का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा।
प्रमुख मांगें और शिक्षकों की दलीलें
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर आयोजित इस प्रदर्शन में शिक्षकों ने कहा कि यह फैसला उन शिक्षकों के साथ अन्याय है जो वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे हैं।
* अतार्किक और अव्यावहारिक फैसला: संघ के जिला संयोजक चौधरी सुरजीत ने बताया कि जो शिक्षक अपनी नियुक्ति के समय सभी योग्यताएं पूरी करते थे, उन पर 20-25 साल बाद नई पात्रता शर्त थोपना पूरी तरह से अतार्किक और अव्यावहारिक है।
* योग्यता पर सवाल: निवर्तमान जिला मंत्री हरिओम यादव ने कहा कि टीईटी को अनिवार्य करना शिक्षकों की योग्यता पर सीधा प्रश्नचिह्न है। उन्होंने कहा कि जो शिक्षक पहले से ही कुशल और अनुभवी हैं, उन्हें फिर से परीक्षा देने के लिए मजबूर करना उचित नहीं है।
* न्याय के सिद्धांतों के विपरीत: विजयपाल नरवार ने जोर देकर कहा कि यह फैसला न्याय के सिद्धांतों के भी विपरीत है। उन्होंने कहा कि विभाग में कार्यरत सभी शिक्षक अपनी नियुक्ति की शर्तों को पूरा करते हैं, और उन्हें अब दशकों बाद फिर से योग्यता साबित करने के लिए कहना गलत है।
ज्ञापन और संघर्ष का संकल्प
शिक्षकों का यह ज्ञापन एसीएम द्वितीय श्री विनोद कुमार द्वारा स्वीकार किया गया। इस दौरान चौधरी सुरजीत ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो उनका संघर्ष लगातार जारी रहेगा। इस प्रदर्शन में प्राथमिक शिक्षक संघ के अलावा माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी भी शामिल हुए, जिन्होंने शिक्षकों की मांगों का समर्थन किया।
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से जिला संयोजक चौधरी सुरजीत सिंह, मंडलीय मंत्री अजय शर्मा, जिला अध्यक्ष डॉ. विशाल आनंद, निवर्तमान जिला मंत्री हरिओम यादव, सह संयोजक बृजेश शुक्ला, केके इंदौलिया, विजयपाल नरवार सहित हजारों की संख्या में शिक्षक और पदाधिकारी उपस्थित थे। प्रदर्शन के दौरान शहर में यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।