आगरा: देशभर में तेजी से फैल रहे सुनियोजित धर्मांतरण के मामलों को लेकर पंजाबी विरासत परिवार (पंजाबी, सिख, खत्री, बहावलपुरी और मुल्तानी समाज) में गहरा आक्रोश है। समाज ने स्पष्ट शब्दों में ऐसे षड्यंत्रों की निंदा करते हुए कहा है कि लोभ, लालच, दबाव और जादू-टोना जैसे घिनौने तरीकों से बेटियों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना हमारी पूरी सभ्यता पर सीधा हमला है।
पुलिस प्रशासन की सराहना और उम्मीद
पंजाबी विरासत परिवार ने हाल ही में पुलिस प्रशासन की तत्परता की सराहना की है। प्रशासन ने समय रहते संज्ञान लिया और देश के कई शहरों में दबिश देकर समाज की दो बेटियों को मुक्त कराया, जो एक मिसाल पेश करती है। समाज ने प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई है कि इसी तरह की सजगता और कठोर कार्रवाई से ही इस प्रकार के धर्मांतरण षड्यंत्रों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
27 जुलाई को निर्णायक बैठक
इन गंभीर चिंताओं और घटनाओं पर विस्तृत विचार-विमर्श के लिए पंजाबी विरासत परिवार की एक महत्वपूर्ण बैठक 27 जुलाई (रविवार) को शाम 4 बजे पंजाब भवन (ग्रैंड होटल के पास), आगरा कैंट में आयोजित की जा रही है। यह बैठक पंजाबी विरासत परिवार के अध्यक्ष पूरन डावर और संत बाबा प्रीतम सिंह जी की सरपरस्ती में संपन्न होगी।
परिवार के महामंत्री बंटी ग्रोवर ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य इन षड्यंत्रकारी गतिविधियों के विरुद्ध समाज को जागरूक करना, एकजुट करना और भविष्य के लिए सकारात्मक कदमों पर विचार करना है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि कुछ संगठन योजनाबद्ध तरीके से समाज की बेटियों को निशाना बना रहे हैं और धर्मांतरण हेतु लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं, जो समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक एकता पर सीधा प्रहार है।
पंजाबी विरासत परिवार के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल वर्मा, कोषाध्यक्ष नवीन अरोरा, संरक्षक चरणजीत थापर, सुनील मनचंदा, चंद्र मोहन सचदेवा, अशोक अरोरा, वीर महेंद्र पाल सिंह, मनमोहन निरंकारी, रानी सिंह और श्री गुरु सिंह सभा माईथान के प्रधान सरदार कंवल दीप सिंह ने समाज के सभी वर्गों से अपील की है कि वे समय पर इस महत्वपूर्ण बैठक में उपस्थित होकर समाजहित में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।