कक्षाओं में छात्रों की अत्यधिक संख्या से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित – अभिभावक संघ ने डीआईओएस को सौंपा ज्ञापन

BRAJESH KUMAR GAUTAM
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आगरा: जनपद के अनेक विद्यालयों में कक्षाओं में छात्रों की अत्यधिक संख्या शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा रही है। कई स्कूलों में एक-एक कक्षा में 70 से 80 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं, जिससे पठन-पाठन सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है। इस गंभीर समस्या को उठाते हुए अभिभावक संघ ने आज जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) विश्व प्रताप सिंह के माध्यम से जिला विद्यालय निरीक्षक आगरा को एक ज्ञापन सौंपा।

अभिभावक संघ द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में उत्तर प्रदेश शासन के शासनादेश संख्या 17/2016/1435/सात-2-2016-15(3)/2014 दिनांक 09 सितंबर 2016 का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। इस शासनादेश के अनुसार, कक्षा 1 से 5 तक छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 और कक्षा 6 से 8 तक 35:1 निर्धारित है। विडंबना यह है कि इसके बावजूद कई विद्यालयों में छात्रों की संख्या निर्धारित अनुपात से तीन गुना तक अधिक पाई जा रही है।

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अभिभावक संघ के संयोजक डॉ. मदन मोहन शर्मा ने इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह न केवल छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है, बल्कि शिक्षकों पर भी अत्यधिक कार्यभार और अनुचित दबाव डाल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि विद्यालय प्रशासन खुले तौर पर सरकारी शासनादेशों का उल्लंघन कर रहा है, जिसके कारण छात्रों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है।

अपने ज्ञापन के माध्यम से अभिभावक संघ ने निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी हैं:

  1. विद्यालयों में व्याप्त इस गंभीर अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच तत्काल कराई जाए।
  2. सरकारी नियमों का उल्लंघन करने वाले दोषी विद्यालयों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
  3. भविष्य में छात्र-शिक्षक अनुपात संबंधी शासनादेशों का कड़ाई से पालन कराया जाए।
  4. ड्रेस और पुस्तकें खरीदने के लिए अभिभावकों पर किसी एक विशेष दुकान का दबाव डालना तत्काल बंद किया जाए।
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अभिभावक संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर प्रशासन द्वारा शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे इस मुद्दे को लेकर एक व्यापक जन आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

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