आगरा। लोहा मंडी स्थित महाराजा अग्रसेन भवन में विश्व मंगल परिवार सेवा संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय श्री राधा माधव रसामृत कथा में वृंदावन से पधारीं व्यास गद्दी से देवी महेश्वरी श्रीजी ने राधा-माधव के शाश्वत प्रेम और भक्ति के गहरे अर्थों को समझाया। उन्होंने कहा कि राधा का अर्थ है भक्ति और शक्ति, और शक्ति के बिना ब्रह्म का भी कोई अस्तित्व नहीं है। राधारानी ही कृष्ण को गुणवान बनाती हैं। राधा और माधव का संबंध शाश्वत प्रेम, भक्ति और आध्यात्मिक मिलन का प्रतीक है, जो भगवान कृष्ण के प्रति पूर्ण समर्पण को दर्शाता है।
वृंदावन में मृत्यु की कामना का महत्व
देवी महेश्वरी श्रीजी ने समझाया कि राधा-माधव का संबंध भौतिक और आध्यात्मिक दुनिया के मिलन का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “राधे रानी की कृपा में कमी नहीं है, बस उनका कृपा पात्र बनना पड़ता है।” उन्होंने भक्तों को प्रेरित करते हुए कहा कि भले ही वृंदावन में जन्म न हुआ हो, पर कामना करनी चाहिए कि मृत्यु वृंदावन में हो। उनका आशय था कि वृंदावन में मृत्यु से मिलने का भाव ही मोक्ष की ओर ले जाता है। उन्होंने बताया कि जब कोई श्रीजी का नाम लेता है तो कृष्ण को अच्छा लगता है, क्योंकि प्रेम में दो नहीं, एक होता है। जो ठाकुर जी को प्रिय है, वही राधा जी को प्रिय है। वृंदावन में भगवान कृष्ण ने सरकार बनाकर नहीं बैठे, बल्कि लाडली जूं (राधा) को सरकार बनाया। ‘वृंदावन में घर हो मेरो’ भजन पर महिलाएं भक्ति में लीन होकर नृत्य करने लगीं, और कथा स्थल राधा रानी सरकार के जयकारों से गूंजता रहा।
आज मनाया जाएगा राधारानी का प्राकट्योत्सव
मीडिया प्रभारी अजेंद्र चौहान और पवन चौधरी ने बताया कि बुधवार को राधारानी का संजीव जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर कथा स्थल को राधारानी के प्राकट्योत्सव के लिए रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया जाएगा। कथा के मुख्य यजमान किशोर तिवारी एवं करुणा तिवारी हैं, जबकि दैनिक यजमान हरेंद्र सिंह तरकर व हीरा देवी रहे। मंच संचालन प्रतिभा जिंदल ने किया।
इस अवसर पर मार्गदर्शक मोहनलाल सर्राफ, डॉ. वी.डी. अग्रवाल, ओ.पी. गोयल, अध्यक्ष वीरेंद्र अग्रवाल, महामंत्री अजय गोयल, कोषाध्यक्ष कालीचरण गोयल, लालता प्रसाद सारस्वत, मुकेश नेचुरल, मुकेशचंद गोयल, श्रीप्रकाश सिंह, विजय गोयल, मनीष गर्ग, राजीव शर्मा, अगम गौतम, राजेश चतुर्वेदी, रमाशंकर अग्रवाल, प्रेम प्रकाश शर्मा, संजय शर्मा आदि सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।