आगरा: भारतीय अति पिछड़ा वर्ग महासंघ द्वारा अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के वर्गीकरण की मांग को लेकर रविवार को सुरसदन में एक बड़ी रैली आयोजित की जा रही है। इस रैली में प्रदेश भर से हजारों बुद्धिजीवी शामिल होंगे।
शुक्रवार को महासंघ के पदाधिकारियों ने रैली के आमंत्रण पत्र का विमोचन किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संयोजक डॉ. गौरव नंद ने बताया कि देश में मंडल आयोग की सिफारिशों के बाद पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण मिला, लेकिन इस आरक्षण का लाभ मुख्यतः कुछ ही सक्षम जातियों को मिला है। जबकि अति पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 36% है, लेकिन उन्हें उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग में वर्गीकरण होना चाहिए ताकि वास्तविक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ मिल सके।
पार्षद अरविंद मथुरिया ने कहा कि पिछड़ा वर्ग में कुछ जातियां तो विकसित हो गई हैं, लेकिन अति पिछड़ा वर्ग आज भी पिछड़ेपन के दलदल में फंसा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस रैली के माध्यम से हम सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहते हैं।
रैली में होंगे कई गणमान्य व्यक्ति
रैली में विधायक रिकेश सेन, दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री प्रेम सिंह शाक्य और यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य अशोक कुमार भी शामिल होंगे।
क्यों है जरूरी अति पिछड़ा वर्ग का वर्गीकरण?
अति पिछड़ा वर्ग का वर्गीकरण इसलिए जरूरी है ताकि:
- वास्तविक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ मिल सके: वर्तमान में आरक्षण का लाभ मुख्यतः कुछ ही सक्षम जातियों को मिल रहा है।
- सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके: सभी पिछड़े वर्गों को समान अवसर मिलें।
- विकास में तेजी आए: पिछड़े वर्गों का विकास होगा तो देश का विकास होगा।