राणा सांगा की जयंती पर आगरा में करणी सेना और क्षत्रिय संगठनों का भव्य आयोजन, सांसद रामजीलाल सुमन पर आक्रोश, भारत रत्न की मांग और प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था। पढ़ें पूरा विश्लेषण।
आगरा : महाराणा राणा सांगा की जयंती पर आगरा के गढ़ी रामी में आयोजित ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’ अब केवल एक सामाजिक आयोजन नहीं रह गया है, बल्कि यह एक सामाजिक चेतना, राजनीतिक प्रतिक्रिया और प्रशासनिक संतुलन की गंभीर परीक्षा बन चुका है। जहां एक ओर करणी सेना और क्षत्रिय संगठनों का राष्ट्रव्यापी आह्वान इस आयोजन को विशाल आंदोलन का रूप दे रहा है, वहीं प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।
करणी सेना का शक्ति प्रदर्शन और मांगों की फहरिस्त
राणा सांगा के सम्मान और सांसद रामजीलाल सुमन की विवादित टिप्पणी के विरोध में करणी सेना ने कई मांगें सरकार के सामने रखीं हैं। संगठन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 12 अप्रैल शाम 5 बजे तक मांगे नहीं मानी गईं, तो “ताकत दिखाने को बाध्य होंगे”।
करणी सेना की प्रमुख मांगें:
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सांसद रामजीलाल सुमन की राज्यसभा सदस्यता समाप्त की जाए
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उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज हो
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करणी सेना के कार्यकर्ताओं पर लगे “झूठे मुकदमे” हटाए जाएं
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पुलिस बर्बरता में शामिल अधिकारियों को निलंबित किया जाए
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राणा सांगा को भारत रत्न दिया जाए
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जेवर एयरपोर्ट का नाम बदलकर राणा सांगा एयरपोर्ट किया जाए
प्रशासन हाई अलर्ट पर: 10,000 पुलिसकर्मी तैनात
इस आयोजन को लेकर आगरा पुलिस और प्रशासन ने युद्धस्तर पर तैयारियां की हैं। 8 से 10 हजार पुलिसकर्मियों, पीएसी और आरएएफ को मैदान में उतारा गया है। 5000 से अधिक लाठियां, हेलमेट और बलवा रोधी उपकरण मंगवाए गए हैं। पुलिस बल लगातार भीड़ नियंत्रण का रिहर्सल कर रहा है।
शर्तों के साथ मिली अनुमति:
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कोई हथियार, भड़काऊ भाषण या नारेबाज़ी नहीं होगी
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ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन अनिवार्य
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सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पर आयोजक होंगे जिम्मेदार
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प्रशासन कभी भी अनुमति रद्द कर सकता है
सांसद रामजीलाल सुमन की सुरक्षा बढ़ी, घर को बनाया गया छावनी
करणी सेना के आक्रोश का केंद्र बने सपा सांसद रामजीलाल सुमन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आगरा स्थित उनके आवास पर तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। पीएसी, पुलिस और खुफिया एजेंसियां उनके घर के आसपास मुस्तैद हैं। आवाजाही पर नजर और वीडियो रिकॉर्डिंग का इंतजाम किया गया है।
3 लाख लोगों के जुटने का अनुमान: राणा सांगा की जयंती बना राष्ट्रव्यापी आह्वान
आयोजकों का दावा है कि देश भर से लगभग तीन लाख लोग आयोजन में भाग लेंगे। बसों, ट्रेनों और निजी वाहनों से हजारों लोग राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से पहुंच चुके हैं। लोग अपने साथ खुद का खाना, गैस-चूल्हा और राशन लेकर आए हैं।
गर्मी से निपटने के इंतज़ाम: पानी, शर्बत और टेंट की व्यवस्था
तेज गर्मी को देखते हुए ठंडा पानी, शर्बत, टैंकर और छाया की व्यवस्था की गई है। आयोजन स्थल के आसपास स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से भोजन और रुकने की व्यवस्था की गई है।
राजनीति से लेकर समाज तक—असर दूरगामी
यह आयोजन अब केवल महाराणा सांगा की जयंती का उत्सव नहीं रहा, बल्कि यह राजपूत अस्मिता, करणी सेना की रणनीति, और सत्तारूढ़ दलों की नीतियों पर जन प्रतिक्रिया का केंद्र बिंदु बन गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सभा का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव आगामी चुनावों और सामाजिक समीकरणों पर कैसा पड़ता है।