झांसी, सुल्तान अब्दी: झांसी जिले की टहरौली तहसील के कुकरगांव स्थित बालू घाट पर इन दिनों खुलेआम एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। बालू माफिया दिन-रात अवैध खनन कर रहे हैं, जिससे खनिज विभाग को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कुकरगांव बालू घाट पर प्रशासन द्वारा कई बार कार्रवाई की गई है, लेकिन खनन माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ठेकेदार की कथित मिलीभगत से घाट संचालक प्रतिबंधित लिफ्टर मशीनों का इस्तेमाल कर नदी की छाती चीर रहे हैं और बेशकीमती बालू (जिसे स्थानीय लोग ‘लाल सोना’ भी कहते हैं) की अंधाधुंध लूट कर रहे हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि बगैर रॉयल्टी और बिना नंबर प्लेट वाले ओवरलोड ट्रक दिन-रात सड़कों पर दौड़ते देखे जा सकते हैं, जिससे सड़कों की हालत भी खराब हो रही है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
एनजीटी के स्पष्ट नियमों के बावजूद, बालू घाट संचालक द्वारा कहीं भी फर्म का बोर्ड नहीं लगाया गया है, जो नियमों का सीधा उल्लंघन है। जब भी कोई पत्रकार इस अवैध खनन की कवरेज के लिए घाट पर पहुँचता है, तो बालू माफियाओं के गुर्गे उनसे बदतमीजी करते हैं और घाट पर जाने की अनुमति मांगते हैं, अन्यथा लड़ने पर उतारू हो जाते हैं। इस तरह के व्यवहार से स्पष्ट होता है कि इस अवैध कारोबार को कहीं न कहीं बड़े राजनीतिक संरक्षण या खनिज विभाग की मिलीभगत हासिल है, जो सरकार की छवि को धूमिल कर रहे हैं।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और खनिज विभाग इस मामले पर क्या कार्रवाई करते हैं। क्या इन बालू माफियाओं पर शिकंजा कसा जाएगा या फिर यह अवैध कारोबार सिस्टम की कमजोरी का फायदा उठाकर यूं ही चलता रहेगा?