आगरा में उटंगन नदी पर बनेगा रेहावली बांध, जल संकट होगा दूर

Dharmender Singh Malik
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आगरा में उटंगन नदी पर बनेगा रेहावली बांध, जल संकट होगा दूर

सर्वेक्षण के बाद अब ‘रेहावली बांध’ योजना पर काम शुरू करवाया जाये – जि.पं. अध्यक्ष की डॉ. मुंजू भदौरिया का अधिकारियों के साथ विमर्श

आगरा: उत्तर प्रदेश के जनपद आगरा के लिए एक महत्वपूर्ण जल संरक्षण योजना का कार्य शीघ्र ही शुरू होने वाला है। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया ने मंगलवार को उटंगन नदी पर प्रस्तावित रेहावली बांध योजना को लेकर अधिकारियों के साथ विमर्श किया। इस योजना के क्रियान्वयन से जल संचय को लेकर प्रदेश की शासन नीति का पालन किया जाएगा, साथ ही यमुना नदी में श्रद्धालुओं के लिए ताजा पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

डॉ. भदौरिया ने बताया कि उटंगन नदी पर बनने वाला यह बांध जलस्तर में सुधार करेगा और जनपद के विकास खंडों में जल संकट की समस्या को दूर करेगा। उन्होंने कहा, “अगर यह योजना क्रियान्वित होती है, तो जल संचय के प्रभावी उपाय होंगे और बटेश्वर के तीर्थ स्थल पर होने वाले आयोजनों के दौरान श्रद्धालुओं को भरपूर ताजा पानी मिल सकेगा।”

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सिंचाई विभाग और सिविल सोसाइटी का सहयोग

जिला पंचायत अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इस परियोजना के लिए मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष इसे उठाया जा चुका है, और अगर आवश्यक हुआ तो पुनः इसे उनके सामने रखा जाएगा। इस चर्चा में सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के सदस्य, सिंचाई विभाग के अधिकारी, और ताज बैराज निर्माण खंड के अभियंता भी शामिल हुए।

सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधियों ने डॉ. भदौरिया से अनुरोध किया कि इस परियोजना के लिए अब कार्यवाही शुरू होनी चाहिए, और इसके लिए सिंचाई विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया जाए। अधिकारियों ने बताया कि पहले ही इस योजना के लिए विस्तृत अध्ययन और सर्वेक्षण किया जा चुका है, और अब इसे लागू करने के लिए अंतिम अनुमोदन की आवश्यकता है।

जल संचय और सिंचाई के लाभ

रेहावली बांध योजना के कार्यान्वयन से फतेहाबाद, बाह, पिनाहट, और अन्य क्षेत्रों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, जिससे उनका कृषि कार्य आसान होगा। इसके अलावा, यह योजना क्षेत्र के भूजल स्तर में भी सुधार करेगी और इस जल को ताजे पानी के रूप में पाइपलाइन के जरिए फतेहाबाद नगर पंचायत को उपलब्ध कराया जा सकेगा।

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यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर और उटंगन नदी का योगदान

मानसून के दौरान, यमुना नदी जब लो फ्लड लेवल (495 फीट) को पार करती है, तो उटंगन नदी में पानी का बैक मारने का खतरा बढ़ जाता है। उटंगन नदी में यमुना के उफान के साथ पानी भर जाता है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में जल संकट पैदा हो जाता है। यह बांध इस पानी को संरक्षित करने में मदद करेगा, और इससे जलाशय के जल क्षेत्र का विस्तार भी नियंत्रित किया जा सकेगा।

रेहावली बांध योजना का तकनीकी अध्ययन

इस योजना के क्रियान्वयन के लिए अलीगढ़ से आई स्टडी टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया और महत्वपूर्ण जानकारियाँ इकट्ठी कीं। इस टीम में एसडीओ-डिज़ाइन रजत सिंह और जेई निकुंज शामिल थे, जिन्होंने इस योजना के लिए तकनीकी पहलुओं का निरीक्षण किया।

अपस्ट्रीम जल स्रोत

रेहावली बांध योजना के तहत, यमुना के उफान और अन्य जल स्रोतों के अलावा खारी नदी, वेस्टर्न डिप्रेशन ड्रेन (WD ड्रेन) और जगनेर की 36 बंधियों का पानी भी इस बांध में संग्रहित किया जा सकेगा। इससे कृषि कार्यों के लिए आवश्यक जल आपूर्ति में सुधार होगा और क्षेत्र के जल संसाधनों का उचित प्रबंधन किया जा सकेगा।

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उटंगन नदी का महत्व और भविष्य की योजना

उटंगन नदी, जिसे राजस्थान में “गंभीर नदी” के नाम से जाना जाता है, उत्तर प्रदेश में 66 किलोमीटर के क्षेत्र में बहती है। यह नदी राज्य की सीमा से होते हुए यमुना नदी में समाती है। राजस्थान सरकार ने इस नदी के पानी को पांचना और अजान बांधों में रोक लिया है। इसके बावजूद मानसून के दौरान उटंगन नदी में पानी पहुंचता रहता है, जिसे अब रेहावली बांध के माध्यम से संग्रहित किया जाएगा।

रेहावली बांध योजना का कार्यान्वयन केवल एक जल संचय योजना नहीं बल्कि किसानों की स्थिति में सुधार, जल संकट का समाधान और पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी आवश्यक है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन से न केवल जल संसाधनों का संरक्षण होगा, बल्कि क्षेत्र की जनता को जल उपलब्धता के दृष्टिकोण से भी फायदा मिलेगा। अब इस योजना को लेकर अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जाएगा और शीघ्र ही इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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