आगरा: कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आईजीआरएस (इंटरएक्टिव गवर्नमेंट रेड्रेसल सिस्टम) से संबंधित शिकायतों के निस्तारण के लिए एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने विभाग से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण में सक्रिय रूप से भाग लें और गुणवत्ता सुनिश्चित करें।
नई मूल्यांकन व्यवस्था पर जोर
बैठक में जिलाधिकारी ने सभी विभागों को यह निर्देश दिया कि फरवरी 2025 से शासन द्वारा लागू किए गए नए मूल्यांकन आदेश के तहत शिकायतों के निस्तारण और उनके फीडबैक का मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इस नई व्यवस्था को गंभीरता से समझें और अपने अधीनस्थों को भी शासनादेश के संबंध में जानकारी प्रदान करें।
नई मार्किंग व्यवस्था में संतुष्टि की फीडबैक को प्रतिशत के आधार पर मापा जाएगा, साथ ही शिकायतकर्ताओं से संपर्क करने के प्रतिशत के आधार पर रैंकिंग तय की जाएगी। इस संदर्भ में बैठक में बताया गया कि जिले में इस सप्ताह लोक संतुष्टि का प्रतिशत 36 प्रतिशत रहा, जबकि तहसील और ब्लॉक स्तर पर यह क्रमशः 38 और 37 प्रतिशत था। हेल्पलाइन पर संतुष्टि फीडबैक का प्रतिशत जिला स्तर पर 65, तहसील स्तर पर 43 और ब्लॉक स्तर पर 54 प्रतिशत रहा है।
खराब प्रदर्शन पर विभागों को चेतावनी
जिलाधिकारी ने हेल्पलाइन में खराब प्रदर्शन करने वाले विभागों को सुधार लाने के लिए सचेत किया। इसमें मनरेगा, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास, और जल निगम के अधिशासी अभियंता को शामिल किया गया। इसके अलावा, जनपद स्तरीय अधिकारियों में खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। इसमें जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, सहायक आयुक्त सहकारिता, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी और जिला उद्यान अधिकारी शामिल हैं।
इसके अलावा, एक्सिएन आरईडी को बैठक से अनुपस्थित रहने पर लखनऊ को पत्र भेजने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यूपी दिवस के आयोजन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
ऑनलाइन शिकायतों का निस्तारण समय सीमा में हो
जिलाधिकारी ने ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण में देरी पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सभी ऑनलाइन शिकायतों का निस्तारण निर्धारित समय सीमा के भीतर करें। यदि कोई विभागीय अधिकारी अपने या अपने अधीनस्थों से संबंधित शिकायतों का निस्तारण समय सीमा के भीतर नहीं करता, तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी और उच्च अधिकारियों को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया जाएगा।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी जनपद स्तरीय अधिकारी प्रतिदिन अपने कार्यालय में बैठकर जनसुनवाई के दौरान आमजन की शिकायतों का निस्तारण करें। इसके साथ ही, वे स्वयं का लॉगिन करके शिकायतों का अवलोकन करें और डिफाल्ट श्रेणी में आने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करें।
सख्त दिशा-निर्देश और निगरानी
बैठक में जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान माह में कोई भी प्रकरण डिफाल्ट श्रेणी में नहीं आना चाहिए। वे चाहते हैं कि अपलोड की गई आख्या का अवलोकन किया जाए और संतुष्ट होने की स्थिति में ही उसे आगे बढ़ाया जाए।
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिभा सिंह, अपर जिलाधिकारी (प्रो.) प्रशान्त तिवारी, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अजय कुमार सिंह, जिला विकास अधिकारी राकेश रंजन, मुख्य चिकित्साधिकारी अरूण श्रीवास्तव सहित सभी उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।