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रालोद की मांग: मंगल पांडेय को मिले ‘भारत रत्न’, जन्मभूमि नगवा की दुर्दशा पर भी जताई चिंता

Saurabh Sharma
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बलिया, उत्तर प्रदेश। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के पहले शहीद माने जाने वाले मंगल पांडेय को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ देने की मांग की है। रालोद के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्र ने सोमवार को जिला मुख्यालय पर संवाददाताओं से बातचीत में यह मांग उठाई।

‘भारत रत्न’ का सम्मान होगा मंगल पांडेय को सम्मानित करना

अनुपम मिश्र रविवार को बलिया ‘अमर शहीद सम्मान यात्रा’ लेकर आए और मंगल पांडेय की जन्मभूमि नगवा पहुंचे। उन्होंने कहा, “मंगल पांडेय को भारत रत्न सम्मान दिया जाना चाहिए। यह भारत रत्न पुरस्कार का ही सम्मान होगा।” मिश्र ने मंगल पांडेय की विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा बलिया में स्थापित करने की भी मांग की।

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उन्होंने दलील दी कि उनका कद हिंदुस्तान के तमाम स्वतंत्रता सेनानियों से कहीं ऊंचा है। मिश्र ने कहा, “अगर उन्होंने हिंदुस्तान की आजादी का पहला बिगुल नहीं फूंका होता तो न गांधी, नेहरू, टैगोर होते और न आंबेडकर और लोहिया होते।” यह बयान मंगल पांडेय के योगदान को असाधारण बताते हुए उनकी महत्ता को रेखांकित करता है।

नगवा की दुर्दशा देखकर मन दुखी हुआ – अनुपम मिश्र

रालोद नेता ने शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा की वर्तमान स्थिति पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “नगवा की दुर्दशा देखकर मन दुखी हुआ। स्मारक के नाम पर एक चहारदीवारी है जिसमें लंबी-लंबी घास उग आयी है। यह बहुत दुख का विषय है कि हिंदुस्तान की आजादी के इस महानायक की जन्म और कर्मभूमि की हालत इतनी खराब है।”

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मिश्र ने यह भी कहा कि मंगल पांडेय के परिवार को भी इस बात का दुख है। उन्होंने चंद्रशेखर आजाद और राम प्रसाद बिस्मिल के परिवारों और स्मारकों की भी ऐसी ही दुर्दशा का जिक्र किया।

मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र लिखने का आश्वासन

अनुपम मिश्र ने बताया कि वे लौटकर मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर बात करेंगे और प्रधानमंत्री को भी इस संबंध में पत्र लिख रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी बात सुनी जाएगी क्योंकि रालोद सरकार का एक अंग है। यह मांग ऐसे समय में उठी है जब देश स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के योगदान को फिर से याद कर रहा है।

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