सहायक अध्यापक को अनुपस्थिति का वेतन जारी होने के प्रकरण में अधिकारियों ने साधी चुप्पी
आगरा। प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ द्वारा शिक्षा में सुधार के प्रयासों के बाबजूद ,बेसिक शिक्षा विभाग में वेतन घोटाले की खबरें सामने आ रही हैं। शिक्षकों को वेतन से लेकर प्रशिक्षण, विद्यालय और अन्य मद में भारीभरकम बजट आवंटित हो रहा है । लगातार कोर्ययोजना बनाई जा रही है। सरकार योजनाओं को विभाग के कर्मचारी ही पलीता लगा रहे है।
आपको बता दें कि जनपद के ब्लॉक जगनेर स्थित प्राथमिक विद्यालय कासिमपुर के सहायक अध्यापक शैलेंद्र सिंह द्वारा बिल बाबू योगेंद्र कुमार की कथित मिलीभगत से बिना विद्यालय में अनुपस्थित होने के बाद भी वेतन हासिल किया जा रहा था। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका की द्वारा शिकायत भी गई। लेकिन उच्च अधिकारियों के सरंक्षण के चलते कोई कार्यवाही नहीं हुई।जिन सत्रों में शैलेंद्र कुमार सिंह को वेतन जारी हो रहा था, बीआरसी पर बिल बाबू के पद पर विवादित योगेंद्र कुमार की तैनाती थी। योगेंद्र कुमार द्वारा शैलेंद्र कुमार को सांठगांठ कर लगातार अनुचित लाभ प्रदान करवाया जाता रहा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से लेकर लेखाधिकारी द्वारा दोनों के फर्जीवाड़े और अनियमितताओं का संज्ञान लेकर कार्रवाई की जरूरत नहीं समझी गई। जब उच्चाधिकारियों के स्तर से कार्रवाई का भय समाप्त होने लगा तो डंके की चोट पर अवैध कार्य को अंजाम दिया जाता रहा। सूत्रों के अनुसार शैलेंद्र कुमार सिंह को विद्यालय से अनुपस्थित रहने के बावजूद लाखों रूपए का वेतन जारी हो चुका है। विभागीय अधिकारियों ने आज तक प्रधानाध्यापिका की आख्या का संज्ञान लेकर वेतन रिकवरी की जरूरत नहीं समझी।
विवादित बिल बाबू को स्पेशल आदेश जारी कर दिया गया अतिरिक्त चार्ज
बीएसए कार्यालय से बीते 15 मार्च की तिथि में दो आदेश पत्र जारी हुए हैं। पहले आदेश पत्र में बिल बाबू विष्णु शर्मा, गोपाल गोयल और सुभाष बाबू को नवीन कार्यक्षेत्र में तैनाती प्रदान की गई है। योगेंद्र कुमार के प्रभाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा स्पेशल आदेश जारी करके जैतपुर कलां का अतिरिक्त चार्ज प्रदान किया गया है। योगेंद्र कुमार की मूल रूप से नगर क्षेत्र में तैनाती होने के बावजूद, देहात क्षेत्र में मलाईदार ब्लॉकों में तैनाती प्रदान की जा रही है। जबकि कुछ समय पूर्व ही उसको जैतपुर कलां ब्लॉक से हटाया गया था। पुनः उसी ब्लॉक का चार्ज देना समझ से परे है। योगेंद्र कुमार के खिलाफ लग रहे आरोपों और शिकायतों का संज्ञान लेना अधिकारी जरूरी नहीं समझते।
शिक्षक को असामान्य वेतन वृद्धि की विभाग में चर्चा
सूत्रों के अनुसार, विवादित बिल बाबू का एक और कारनामा विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। तत्कालीन ब्लॉक में तैनाती के दौरान एक शिक्षक को एक ही वित्तीय वर्ष में प्रदान हुई असामान्य वेतन वृद्धि हैरत भरी है। शिक्षक के वेतन मद में असामान्य रूप से आया उछाल सभी को आश्चर्य में डाल रहे हैं। विभागीय अधिकारी भी इस पर कुछ कहने से बच रहे हैं।