आगरा: उत्तर प्रदेश में असंगठित मजदूरों की बढ़ती आबादी और उनके कष्टकारी जीवन को लेकर समाजवादी मजदूर सभा ने आज धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। इस धरने का आयोजन आगरा में किया गया, जिसमें प्रदेश और जिले के श्रमिकों ने अपनी समस्याओं को सरकार के सामने रखा और उन पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
मजदूरों ने आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों में एनडीए सरकार ने मजदूरों के लिए न सिर्फ कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाए, बल्कि श्रम कानून में बदलाव कर उन्हें और अधिक परेशान कर दिया है। उनका कहना था कि सरकार ने उद्योगपतियों के हितों को बढ़ावा देने के लिए इन कानूनों में बदलाव किया है, जबकि मजदूरों को बुनियादी अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा से वंचित रखा गया है।
मजदूर सभा की मुख्य मांगें
- नई श्रम कानूनों को रद्द किया जाए।
- न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर ₹26,000 प्रति माह किया जाए और इसे मुख्य सूचकांक से जोड़ा जाए।
- पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए।
- ठेका मजदूरों का वेतन और भत्ते नियमित कर्मचारियों के बराबर किए जाएं।
- बोनस में प्राविडेंट फंड की अदायगी पर से सभी बाध्यता सीमा हटाई जाए।
- ग्रेच्युटी की राशि में वृद्धि की जाए।
- रोजगार सृजन के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
ज्ञापन देने वालों में चौधरी चंद्रपाल सिंह (आंदोलन प्रभारी और प्रदेश उपाध्यक्ष), अखलाक हुसैन (प्रदेश सचिव), अनीता चौधरी (प्रदेश सचिव), नीटू यादव (जिला अध्यक्ष आगरा), इमरान अब्बास (महानगर अध्यक्ष आगरा), और अन्य कई नेताओं ने अपनी भागीदारी निभाई। इस ज्ञापन में मजदूरों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की गई है।
आंदोलन में शामिल मुख्य लोग
- चौधरी चंद्रपाल सिंह (आंदोलन प्रभारी, प्रदेश उपाध्यक्ष)
- अखलाक हुसैन (प्रदेश सचिव)
- अनीता चौधरी (प्रदेश सचिव)
- नीटू यादव (जिला अध्यक्ष आगरा)
- इमरान अब्बास (महानगर अध्यक्ष आगरा)
- वाजिद निसार (महानगर अध्यक्ष आगरा)
- रवि मेहरा, सीपी यादव, रामनरेश यादव, मुकेश यादव, मनोज माहौर, हसीन खान, रवि शर्मा, ईशान मैसी, अफसर खान, गजेंद्र सिंह कर्दम, पुष्पेंद्र चोधरी, राजेश सोनी, वीरेंद्र चंचल, राजकुमार राठौर, सर्वेश यादव, मोहित यादव, सोवित लवानिया, मोहन सिंह सहित कई अन्य प्रमुख लोग शामिल रहे।
सभा के आयोजकों ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की, तो वे भविष्य में और बड़े आंदोलनों की तैयारी करेंगे।
समाजवादी मजदूर सभा ने यह भी कहा कि अगर सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती, तो उन्हें मजबूर होकर और भी बड़े कदम उठाने होंगे, ताकि मजदूरों को उनके अधिकार मिल सकें और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाया जा सके।
सरकार गरीबों मजदूरों को अनदेखा कर रही है अब की बार गरीब मजदूरों की पीडीए सरकार जय हिन्द जय भारत जय समाजवाद