यमुना बचाओ अभियान: फतेहाबाद में मूर्ति विसर्जन की जगह चामड का श्रृंगार

Rajesh kumar
2 Min Read

आगरा (फतेहाबाद) : फतेहाबाद के यमुना तट पर एक अनूठी पहल देखने को मिली है। स्थानीय समाजसेवियों ने यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन करने के बजाय, पारंपरिक चामड मूर्तियों का श्रृंगार करने का आह्वान किया है।

क्यों है जरूरी यह पहल?

मूर्ति विसर्जन के दौरान नदियों में बड़ी मात्रा में प्लास्टर ऑफ पेरिस और अन्य हानिकारक पदार्थ मिलते हैं, जिससे जल प्रदूषण बढ़ता है। यमुना जैसी पवित्र नदी को बचाने के लिए यह जरूरी है कि हम धार्मिक रीति-रिवाजों को पर्यावरण के अनुकूल बनाएं।

See also  नवरात्रि पर मीट मांस अंडे की दुकानें बंद कराने को दिया ज्ञापन

समाजसेवियों का प्रयास

 स्थानीय समाजसेवियों ने लोगों को समझाया कि चामड मूर्तियां न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं बल्कि इनका निर्माण स्थानीय कारीगरों द्वारा किया जाता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने लोगों को शपथ दिलाई कि वे अगले साल से मूर्ति विसर्जन नहीं करेंगे और चामड मूर्तियों का ही श्रृंगार करेंगे।

समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास

 इस अभियान के माध्यम से समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को बताया जा रहा है कि धार्मिक कार्यों को करते हुए भी हम पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं।

See also  भाकियू (भानु)फतेहाबाद के कार्यकर्ताओं ने धरना स्थल पर पहुँचकर किया समर्थन

शामिल रहे लोग

 इस अभियान में शुभम वशिष्ठ, अमन शास्त्री, सुशील शर्मा, दीपक तिवारी, रजत शर्मा, पवन शर्मा, रौनक शर्मा, आदित्य शर्मा, मुकुल पंडित, राम खिलाड़ी कुशवाह, रामहेत कुशवाह, रमेश कुशवाह, रामनरायन कुशवाह, बच्चू सेठ कुशवाहा, हीरा सिंह कुशवाहा शास्त्री सहित कई अन्य लोग शामिल रहे।

See also  इरादतनगर में जलभराव से हाहाकार: मिहावा मार्ग पर जनजीवन ठप, 5000 लोग प्रभावित
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement