जिलाध्यक्ष महेश चाहर ने एकजुट रहने का दिया संदेश; आगरा सहित आठ जिलों के पूर्व सैनिकों ने लिया भाग
आगरा । पूर्व सैनिक संघर्ष समिति ने आज सतविन फार्म हाउस, इटौरा पर अपना दूसरा स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम और देशभक्ति के जोश के साथ मनाया। इस अवसर पर आगरा सहित उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश के आठ जिलों के पूर्व सैनिकों का जन सैलाब उमड़ पड़ा।
शहीद परिवारों और वयोवृद्ध सैनिकों का सम्मान
स्थापना दिवस समारोह का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के परिवारों को सम्मानित करना था। कार्यक्रम में मंच से शहीद परिवारों को श्रद्धापूर्वक सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, 80 वर्ष से अधिक आयु के वयोवृद्ध पूर्व सैनिकों, सामाजिक, खेल या नौकरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पूर्व सैनिकों और उनके बच्चों को भी सम्मानित किया गया। मीडियाकर्मियों को भी उनके सहयोग के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर विनोद दत्ता रहे, जबकि विशिष्ट अतिथियों में कर्नल संजीव अग्निहोत्री, कर्नल पूरन सिंह, कर्नल दयाराम और कैप्टन प्रताप सिंह शामिल थे। कार्यक्रम का सफल संचालन वीरेंद्र मास्टर और भोजकुमार फौजी ने किया।
एकजुटता ही पूर्व सैनिकों की शक्ति है: जिलाध्यक्ष
सम्मेलन का मुख्य आकर्षण संगठन के अब तक के संघर्ष की कहानी रही, जिसे चलचित्रों (वीडियो) के माध्यम से भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया गया।
संगठन के जिलाध्यक्ष महेश चाहर ने मंच से अपने संबोधन में पूर्व सैनिकों की एकजुटता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “आज जिस तरह व्यक्ति चारित्रिक, गुणात्मक, सामाजिक शून्यता की ओर जा रहा है, ऐसे में हम पूर्व सैनिक भी कहीं न कहीं सिविल के जालसाजों के चक्कर में फंस जाते हैं।”
महेश चाहर ने एकता के सूत्र को दोहराते हुए कहा, “अगर एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे और यदि बंटेंगे तो कटेंगे। इसलिए हमें अपने पूर्व सैनिकों को संगठित करना होगा और सिविल माहौल से जाग्रत करना होगा, जिससे हमारा उत्पीड़न कोई न कर सके।”
इस विशाल सम्मेलन में आगरा की विभिन्न तहसीलों के अलावा पलवल, जेवर, मेरठ, बागपत, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, और ग्वालियर के पूर्व सैनिक संगठनों ने भाग लिया। हजारों की संख्या में उपस्थित पूर्व सैनिकों में प्रमुख रूप से प्रताप चाहर, वीरपाल चाहर, हाकिम चाहर, शिव कुमार जुरैल, लखेंद्र सिंह, लोकेश सिकरवार, सुरेश बाबू जी, रामबाबू शर्मा, ओमवीर भगौर, जुगेंद्र चाहर, एड. महेश, अनिल राजपूत, अजय चाहर, एस के पांडे, मोहन सिंह कुंतल, रूपराम चाहर, आदि मौजूद रहे।

जब तक आगरा के विभिन्न तहसीलों के पूर्व सैनिक सम्मेलन में हज़ारों लोग एकत्र नहीं होते, तब इस दिवस को स्थापना दिवस कहना शायद गलत है। शहीदों का सम्मान और वयस्क सैनिकों का जश्न बहुत अच्छा है, लेकिन एकजुटता ही शक्ति का संदेश इतना बड़ा दिख रहा है कि शायद जिलाध्यक्ष स्वयं चक्कर में फंस गये हों। ब्रिगेडियर जितना भयानक बोल रहे थे, उससे सिविल माहौल पहले ही चिंतित हो गया होगा! 😄Nano Banana free