आगरा: आगरा एयरपोर्ट परियोजना के दूसरे चरण को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। ताज ट्रिपेजियम जोन अथॉरिटी (TTZ) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए, मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह ने छह सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे। यह समिति दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट TTZ प्राधिकरण को सौंपेगी।
समिति में कौन-कौन शामिल हैं?
इस महत्वपूर्ण समिति में ये अधिकारी शामिल हैं:
जिलाधिकारी (अध्यक्ष)
अपर जिलाधिकारी (भू-अधिग्रहण)
प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग
प्रभारी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
नगर नियोजक/नोडल ऑफिसर, टीटीपी प्राधिकरण
क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
समिति का मुख्य कार्य सिविल एयरपोर्ट योजना से जुड़े विभिन्न पहलुओं की गहन जांच करना है, ताकि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा TTZ क्षेत्र के लिए पारित आदेशों का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा, समिति वृक्षों को काटने और उन्हें अन्य जगहों पर लगाने के स्थानों पर भी विचार करेगी।
दूसरे चरण में होंगे ये महत्वपूर्ण कार्य
इस परियोजना के दूसरे चरण में कई महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं, जो हवाई जहाजों के संचालन और सुरक्षा से संबंधित हैं:
रनवे: 45 मीटर चौड़े रनवे का 800 मीटर विस्तार।
टैक्सी ट्रैक: पहले चरण के टैक्सी ट्रैक का 950 मीटर विस्तार और नए अतिरिक्त टैक्सी ट्रैक का निर्माण।
एप्रन (Apron): एप्रन को 9 हवाई जहाजों की पार्किंग के लिए उपयुक्त बनाया जाएगा।
लिंक टैक्सीवे: विस्तारित रनवे को जोड़ने वाले अतिरिक्त लिंक टैक्सीवे का निर्माण।
इन कार्यों का उद्देश्य आगरा हवाई अड्डे की क्षमता को बढ़ाना और इसे और अधिक सुरक्षित बनाना है।
‘फनल एरिया’ में हाईराइज बिल्डिंगों पर प्रतिबंध
आगरा मास्टर प्लान 2031 के अनुसार, हवाई जहाजों के टेक-ऑफ और लैंडिंग के लिए ‘फनल एरिया’ का उपयोग किया जाएगा। यह वही क्षेत्र है जिसका उपयोग वायुसेना भी करती है। विमान संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, इस क्षेत्र में ऊंची इमारतों के निर्माण और उन सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है जो विमान संचालन के लिए उपयुक्त नहीं हैं। सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने भी आगरा विकास प्राधिकरण को इस संबंध में सुझाव दिए थे।
प्रदूषण मॉनिटरिंग और डेटा
आगरा में वायु प्रदूषण की निगरानी के लिए ताज ट्रिपेजियम जोन प्राधिकरण द्वारा छह केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें से संजय प्लेस स्थित स्वचालित एयर पॉल्यूशन मॉनिटरिंग सेंटर सबसे महत्वपूर्ण है। इसी केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) आगरा में वायु प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट जारी करता है।
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सचिव अनिल शर्मा ने बताया कि चूंकि पहले चरण की मंजूरी के लिए भी इसी केंद्र के डेटा का उपयोग किया गया था, इसलिए उम्मीद है कि दूसरे चरण की मंजूरी के लिए भी यहीं के डेटा को आधार बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि यह परियोजना, जिसे आम तौर पर आगरा सिविल एयरपोर्ट कहा जाता है, मूल रूप से न्यू सिविल एन्क्लेव प्रोजेक्ट है। इसके पहले चरण का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा चुका है, और अब दूसरे चरण का काम शुरू होने जा रहा है। दूसरे चरण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2023 में सदर तहसील के धनौली, बलहेरा और अभयपुरा गांवों में जमीन उपलब्ध कराई थी। यह जमीन भारतीय वायु सेना बेस की सीमा से सटी हुई है, और कड़ी निगरानी में रहती है।