जगन प्रसाद
आगरा (अछनेरा)। देहात क्षेत्र में कुख्यात झोलाछाप चिकित्सकों का तंत्र इतना गहरा हो चुका है कि उन्हें किसी का खौफ़ नहीं है। बिना डिग्री के चाहे अपना क्लीनिक चलाओ या नर्सिंग होम, उन्हें कोई फिक्र नहीं। नियम और कानूनों को ठेंगे पर रखना उनकी फितरत बन गयी है।
आपको बता दें कि बीते शनिवार शाम को एसीएमओ डॉ सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने कुख्यात झोलाछापों की धरपकड़ के लिए गोपनीय तरीके से जाल बिछाकर छापेमारी की योजना तैयार की। टीम जैसे ही रायभा में पहुंची तो क्षेत्र में कथित प्रतिष्ठित चिकित्सक की ख्याति रखने वाला सूरजपाल अपने कथित क्लीनिक रूपी नर्सिंग होम को बंद करके फरार हो चुका था। जबकि उसके क्लीनिक के बोर्ड पर आगरा के एक एमबीबीएस चिकित्सक सहित अन्य आधा दर्जन नाम अंकित थे। सूरजपाल का नाम निदेशक के रूप में दर्ज था। इतने पर भी सूरजपाल मौके से नदारद मिला। स्वास्थ्य टीम का माथा ठनक गया। आसपास जांच पड़ताल की, लेकिन सूरजपाल के रुआब के कारण कोई बताने को तैयार नहीं था। इसके बाद टीम नगला खुशियाली में दूसरे कुख्यात झोलाछाप अतर सिंह के क्लीनिक पर पहुंची तो अतर सिंह बिना डिग्री के ही एक मरीज को इंजेक्शन लगा रहा था। अवैध रूप से मेडिकल स्टोर भी चलता मिला। अतर सिंह ने टीम को अपने दवाब में लेने की भरपूर कोशिश की, एसीएमओ द्वारा हड़काने पर उसके तेवर शांत हुए। टीम दोनों झोलाछापों के यहां नोटिस चस्पा करके चली गयी।
कार्रवाई नहीं होने से हो रहे हौसले बुलंद
स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछापों के क्लीनिक और नर्सिंग होमों पर छापेमारी की जाती है। मौके पर सब कुछ अवैध मिलता है। झोलाछापों की शटर कुछ समय के लिए बंद रहती है, इसके बाद आता नहीं क्या कारण होते हैं कि उनकी शटर उठ जाती है। छापेमारी के बाद झोलाछापों के पास ऐसी कौन सी डिग्री आ जाती है जिससे वह फिर अपनी दुकान सजाकर बैठ जाते हैं।
इनका कहना है
हमारी टीम मौके पर गयी थी। मौके पर अपंजीकृत रूप से कार्य संचालित होने पर नोटिस तामील करा दिया गया है।
डॉ सुरेंद्र मोहन प्रजापति-एसीएमओ