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संस्कृति विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय युवा दिवस पर सेमिनार का आयोजन

Saurabh Sharma
4 Min Read

संस्कृति विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में छात्र/छात्राओं ने स्वामी विवेकानन्द जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की प्रासंगिकता पर अपने-अपने शोधपरक विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम का संचालन डा नीलम कुमारी ने किया। मुख्य वक्ता डा मीनू गुप्ता डीन एकेडमिक, विशिष्ट वक्ता प्रो रतीश शर्मा व डीन आफ स्टूडेंट वेलफेयर डा डी एस तोमर रहे।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता व सी ई ओ डा मीनाक्षी शर्मा ने स्वामी विवेकानन्द जी के व्यक्तित्व से छात्र/ छात्राओं को चरित्र निर्माण के लिए प्रेरित करते हुए शुभकामनाएं संप्रेषित की।

कार्यक्रम की भूमिका पर प्रो रतीश शर्मा ने प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी एक महान दार्शनिक, विचारक, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने अपने विचारों और कार्यों से भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक नई चेतना जागृत की।

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कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डा मीनू गुप्ता ने कहा कि विकसित भारत के लिए वर्तमान परिप्रेक्ष्य में युवाओं के लिए स्वामी विवेकानन्द जी का जीवन-दर्शन प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि सूट-बूट व पालिश से नहीं बल्कि चरित्र निर्माण से व्यक्तित्व का निर्माण होता है।

डायरेक्टर आफ़ एप्लाइड पालिटिक्स डा रजनीश त्यागी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी जन्म से ही कुशाग्रबुद्धि व तार्किक शक्ति के धनी थे और उन्होंने भारतीय कला व संस्कृति के महत्व को विश्व पटल पर अपने अभिभाषण व कार्य व्यवहार से प्रसारित किया।

विश्वविद्यालय के डीन आफ स्टूडेंट वेलफेयर डा डी एस तोमर ने युवाशक्ति को शारीरिक व मानसिक रूप से सशक्त और सकक्षम बनाने के लिए विश्वविद्यालय के विभिन्न क्लबों में अपनी- अपनी नैसर्गिक प्रतिभाओं के साथ सहभागिता सुनिश्चित करनेके लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर छात्र/छात्राओं ने नासिक से लाइव आनलाइन माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन का भी श्रवण किया। कार्यक्रम के अंत में गौरव सारंग ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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इस अवसर पर शिक्षकों के साथ युवाओं की आवाज के रूप में विभिन्न क्लबों,एन .सी.सी, एन.एस.एस के छात्र भी उपस्थित रहे।

छात्रों ने स्वामी विवेकानन्द जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने शोधपरक विचार व्यक्त किये

कार्यक्रम में छात्र/छात्राओं ने स्वामी विवेकानन्द जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने-अपने शोधपरक विचार व्यक्त किये। छात्र सौरभ द्विवेदी ने कविता के रूप में अपनी रोचक प्रस्तुति देते हुए कहा कि “वो 40 मे ही युवाओं को राह दिखाकर चले गये, हर आदमी को अपना बना कर चले गये।”

छात्र अनुराधा ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने हमें आत्म-विश्वास और आत्म-निर्भरता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश और समाज के लिए कुछ कर दिखाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

छात्र ऋषभ ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने हमें भारतीय संस्कृति और परंपराओं का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को सहेजने और बढ़ावा देने के लिए प्रयास करना चाहिए।

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इनके अलावा अन्य छात्र-छात्राओं ने भी स्वामी विवेकानन्द जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने विचार व्यक्त किये। सभी छात्र-छात्राओं ने स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन और विचारों से प्रेरणा लेकर एक बेहतर भविष्य बनाने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन और विचारों से प्रेरित करना

इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन और विचारों से प्रेरित करना था। कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं ने स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों को समझा और उन्हें अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।

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