(प्रदीप यादव)
एटा: किसानों और व्यापारियों के लिए एक चेतावनी! यदि आप मवेशी पैंठ में पशु बेचकर नगद राशि के साथ ऑटो से घर लौट रहे हैं, तो सतर्क रहना जरूरी है। हाल ही में जैथरा में हुई दो घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि ऑटो में बैठी सवारी भी शातिर हो सकती है। अगर आपने जरा सी भी लापरवाही बरती, तो आप इनका शिकार बन सकते हैं और आपकी नगदी भी चुराई जा सकती है।
जैथरा थानाक्षेत्र में पिछले दस दिन के भीतर एक ही पैटर्न पर दो घटनाएं हुईं, जिनका खुलासा हुआ है। गिरफ्तार शातिर ने पुलिस के सामने एक संगठित गिरोह के जरिए ऐसी वारदातें करने की बात कबूल की है। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है।
हाल ही में हुईं इन घटनाओं में मवेशी पैंठ से लौट रहे किसानों और व्यापारियों को निशाना बनाया गया। 22 सितंबर को नगला जमुनी के किसान प्रेमपाल को शातिरों ने अपने लक्ष्य बनाया और उसकी जेब से 64,000 रुपये चुरा लिए। प्रेमपाल भैंस की बिक्री कर लौट रहा था। शातिर एक काली बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। इसके बाद, 29 सितंबर को फिर से एक घटना घटी, जिसमें एक पशुपालक से 33,500 रुपये चोरी कर लिए गए। वह भी धुमरी मवेशी पैंठ से लौट रहा था।
इन दोनों घटनाओं में शातिर ऑटो में सवारी के रूप में बैठे थे और रास्ते में उतरकर बाइक से फरार हो गए। जैथरा पुलिस ने फर्रुखाबाद के कायमगंज कोतवाली के गांव ममापुर निवासी रौकी उर्फ रौनी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के पास से 8,600 रुपये की नगदी और घटना में प्रयुक्त बाइक भी बरामद की गई है।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसका एक संगठित गिरोह है, जो पशु मेला में व्यापारियों और किसानों की रेकी करता है। घटना को अंजाम देने के लिए वे ऑटो में सवारी के रूप में बैठकर चले जाते हैं और मौके पर उतरकर चोरी कर लेते हैं।
क्षेत्राधिकारी अलीगंज, सुधांशु शेखर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी को जेल भेज दिया गया है, और अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस की टीमें जुटी हुई हैं। उन्होंने किसानों और व्यापारियों को सतर्क रहने की सलाह दी है, विशेषकर मवेशी पैंठ के दिनों में, जब पुलिस विशेष गश्त करेगी।