श्रीकृष्ण जन्माष्टीः वृंदावन में जुटे 11 राज्यों के 26 चित्रकार, लीलाओं के चित्रांकन से शुरू हुआ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

Dharmender Singh Malik
3 Min Read
शिविर में बोलते प्रदेश के गन्ना एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मी नारायण चैधरी।

मथुरा। श्रीकृष्ण लीलाओं के राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर की शुरुआत के साथ ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रारंभ हो गया। चित्रांकन शिविर में देश के 11 राज्यों के चित्रकार वृंदावन स्थित गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी पहुंचे हैं। ये सभी भगवान की विभिन्न लीलाओं को अपनी तूलिका से कैनवास पर उतार रहे हैं। तीन सितंबर को भी लीलाओं के चित्र तैयार किए गये। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा के तत्वावधान में प्रारंभ हुए इस शिविर का शुभारंभ प्रदेश के गन्ना एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी द्वारा किया गया।

उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न स्थानों से पधारे चित्रकारों के हाथों से बने भगवान की लीलाओं के चित्र हमारे लिए बड़ी उपलब्धि हैं। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के आमंत्रण पर ब्रज में पधारे आप सभी चित्रकारों का स्वागत है। प्रदेश के गन्ना एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने सभी 26 महिला व पुरुष चित्रकारों को पटका पहनाकर सम्मानित किया।

See also  कैलाश मंदिर, आगरा: भगवान शिव का एक प्राचीन और पवित्र मंदिर

शुभारम्भ अवसर पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नगेन्द्र प्रताप एवं उप कार्यपालक अधिकारी जगदम्बिका प्रसाद पाण्डेय की गरिमामयी उपस्थिति रही। शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी के कोऑर्डिनेटर चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने मंचस्थ गन्ना मंत्री चैधरी का पटुका पहनाकर स्वागत किया।

इस अवसर पर राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर के उप निदेशक एवं राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर के समन्वयक डाॅ. यशवन्त सिंह राठौर ने शिविर के आयोजन के सम्बंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्ष से जन्माष्टमी पर चित्रांकन शिविर स्थानीय व राज्य स्तर पर आयोजित किया जाता रहा है। इस चतुर्थ वर्ष में इस बार राष्ट्रीय स्तर का कला शिविर आयोजित किया गया है। कला शिविर में कृष्ण लीला के कथात्मक स्वरूपों को चित्रित किया जा रहा है। इसमें 11 राज्यों के चित्रकार प्रतिभाग कर रहे हैं।

See also  बाह विधानसभा में विकास कार्यों को लेकर सांसद और विधायक कर रहे अपनी वाह वाही

पूर्व में कृष्ण  आधारित जो चित्र बने थे, वे उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद कार्यालय, रसखान समाधि और गीता शोध संस्थान कला वीथिका आदि में शोभायमान हैं। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, मथुरा के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डाॅ. उमेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि ब्रज में भगवान श्रीकृष्ण के चित्रांकन की पुरातन परंपरा रही है। राधा की सखियों में से सखी चित्रलेखा जो चिकसौली की थी, स्वयं चित्रकार थीं। राधा व कृष्ण द्वारा एक दूसरे चित्र बनाए जाने का उल्लेख पुराणों में मिलता है। कला शिविर के समापन पर चार सितंबर को अंतिम दिन लीलाओं के कैनवास पर अंकित चित्रों की प्रदर्शनी लगेगी जिसे आम दर्शक देख व सेल्फी ले सकेंगे।

See also  आगरा : पुलिस की सेटिंग से बुलाए लुटेरे, बनाया गिरफ्तारी का ड्रामा — बालूगंज चौकी का पूरा स्टाफ सस्पेंड!
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement