आगरा : कागारौल थाने में बिना नंबर की स्विफ्ट कार से ‘सीताराम सिस्टम’ का खुलासा?

Jagannath Prasad
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लाल पत्थर के टुकड़ा से भरा हुआ ट्रैक्टर को आगे आगे ले जाती हुई स्विफ्ट कार

बिना नंबर प्लेट की स्विफ्ट कार, आगे रखी दरोगा की टोपी—वसूली से पीड़ित का वीडियो वायरल

आगरा। जनपद के कागारौल थाना क्षेत्र में पुलिस और खनन माफिया के कथित गठजोड़ का नया चेहरा सामने आया है, जिसे अब क्षेत्रीय लोग ‘स्विफ्ट कार वाला थाने का सीताराम सिस्टम’ कहकर पुकार रहे हैं। बुधवार सुबह सामने आया एक पीड़ित ट्रैक्टर चालक का वायरल वीडियो प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

बुधवार सुबह सीताराम के चंगुल फसा ट्रैक्टर चालक,घटना की जानकारी देता हुआ

वायरल वीडियो में एक स्लेटी रंग की स्विफ्ट कार दिखाई दे रही है, जिसकी न तो नंबर प्लेट लगी है और न ही कोई सरकारी पहचान चिन्ह। आश्चर्य की बात यह है कि कार के आगे पुलिस दरोगा की टोपी रखी हुई है, जिससे उसका संबंध थाने से जोड़ा जा रहा है। पीड़ित ट्रैक्टर चालक का दावा है कि कार में बैठा व्यक्ति खुद को ‘सीताराम’ बता रहा था और पुलिस की तरह धमकाते हुए वसूली की मांग कर रहा था।

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चालक के अनुसार, वह सुबह राजस्थान बॉर्डर के पास टिकरी गांव से लाल पत्थर लादकर ला रहा था, तभी उक्त कार ने उसका पीछा किया और रास्ता रोककर पैसों की मांग की। पैसा न देने पर ट्रैक्टर को जबरन थाने की ओर ले जाया गया और धमकाया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना किसी एक व्यक्ति या एक दिन की नहीं है, बल्कि थाना कागारौल क्षेत्र में खनन से जुड़ी अवैध वसूली का यह एक सुनियोजित ‘सिस्टम’ बन चुका है।

बिना नंबर प्लेट स्विफ्ट गाड़ी में रखी हुई पुलिस की टोपी

जनता के प्रमुख सवाल:‘सीताराम’ नामक यह व्यक्ति कौन है?.क्या वह कोई पुलिसकर्मी है, दलाल है या फर्जी अधिकारी बनकर अवैध वसूली कर रहा है?.अगर वह पुलिसकर्मी नहीं है, तो दरोगा की टोपी उसके पास कैसे पहुंची?.कार की नंबर प्लेट क्यों हटाई गई?.क्या यह सब किसी मिलीभगत का परिणाम है?

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:जनता ने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, कागारौल थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग खंगाली जाए और वसूली तंत्र में शामिल पुलिसकर्मियों की भूमिका की निष्पक्ष जांच हो। सूत्रों के अनुसार, बॉर्डर क्षेत्र में पत्थर, गिट्टी और मिट्टी से भरे वाहनों से अवैध वसूली कोई नई बात नहीं है। अब पुलिस मुखबिरों के नाम पर दलाल खुद वसूली करने लगे हैं।यह प्रकरण एक बार फिर उजागर करता है कि थाना कागारौल क्षेत्र में कानून व्यवस्था और पुलिस की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े हो चुके हैं।सहायक पुलिस आयुक्त सैंया देवश कुमार से दूरभाष के माध्यम से वार्ता करने पर बताया कि प्रकरण संज्ञान में नहीं हैं,गाड़ी के बारे में जांच कराकर दोषियों पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी।

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