लंबी अदालती लड़ाई लड़ पिता के हत्यारों को बेटे ने दिलाई सजा

MD Khan
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आगरा। एक बेटे ने अपने पिता की हत्या के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए 9 साल तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और अंतत: उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया। इस संघर्ष में मृतक के बेटे ब्रजेश सिकरवार ने अपना पूरा समय और मेहनत लगा दी, जिससे न्यायालय ने आरोपियों को सजा सुनाई। ब्रजेश सिकरवार ने इसे न्याय की जीत करार दिया और कहा कि न्यायपालिका पर उनका अटूट विश्वास और मजबूत हुआ है।

घटना का विवरण

ब्रजेश सिकरवार के पिता की हत्या एक जघन्य अपराध था, जिसमें आरोपियों ने उनके पिता का अपहरण करने के बाद लूटपाट की और अंत में उनकी हत्या कर दी थी। इस अपराध के बाद पीड़ित परिवार पर एक गहरा दुख का साया पड़ा, और ब्रजेश सिकरवार ने अपनी पूरी ऊर्जा और समय इस मामले में न्याय दिलाने के लिए लगा दिया।

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लंबी कानूनी लड़ाई

ब्रजेश सिकरवार ने बताया कि यह केस आसान नहीं था। 9 साल की कड़ी मेहनत और कानूनी संघर्ष के बाद आरोपियों को न्याय के कठघरे में लाया जा सका। इस दौरान ब्रजेश ने कई बार अदालतों का दरवाजा खटखटाया, और अंत में अदालत ने तीनों आरोपियों पर लूट, हत्या और अपहरण के मामले में अलग-अलग सजा और अर्थदंड लगाया।

न्याय की जीत

ब्रजेश सिकरवार ने कहा, “न्यायालय द्वारा दोषियों को उनके किए की सजा मिलना मेरे लिए एक बड़ी जीत है। यह मेरे पिता को दी गई सच्ची श्रद्धांजलि है। मुझे आज न्याय मिलने से यह और पुख्ता हो गया कि न्यायपालिका पर मेरा विश्वास कभी भी डगमगाया नहीं है।”

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पुख्ता पैरवी

ब्रजेश ने इस पूरे मामले में अपनी कड़ी पैरवी और कानूनी लड़ाई के लिए अपने अधिवक्ताओं, मुकुल कुलश्रेष्ठ, अनुराधा दीक्षित, रवि कुशवाहा, और शासकीय अधिवक्ता श्री नाहर सिंह तोमर का तहेदिल से आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस मामले की रात से ही श्री मुकुल कुलश्रेष्ठ उनके साथ खड़े रहे और न्याय दिलाने के लिए उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया।

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