अवैध पैथोलॉजी सेंटरों पर बड़ी कार्रवाई की मांग, पीड़ित ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भेजी शिकायत
बीजपुर (सोनभद्र)। संवाददाता संतोष कुमार गुप्ता, सोनभद्र के बीजपुर बाजार, श्री राम चौक, डोडहर मोड़, कालोनी गेट, चेतवा, जरहा, पिंडारी, और सेवकामोड सहित विभिन्न प्रमुख चौराहों पर बड़े-बड़े बोर्ड-बैनर लगाकर खुलेआम संचालित हो रहे अवैध पैथोलॉजी सेंटर ग्रामीण जनता के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। इन सेंटरों पर अप्रशिक्षित ‘लैब टेक्नीशियन’ (एलटी) द्वारा मरीजों के खून की जांच की जा रही है और मनगढ़ंत रिपोर्ट थमाई जा रही है, जिससे मरीजों के जीवन के साथ गंभीर खिलवाड़ हो रहा है।
गलत रिपोर्ट का ताजा मामला आया सामने

आम जनता के स्वास्थ्य के साथ हो रहे इस खतरनाक खेल का एक ताजा मामला सामने आया है। एनटीपीसी कॉलोनी निवासी जयप्रकाश गुप्ता पुत्र मदन प्रसाद गुप्ता को कुछ दिन पहले बुखार होने पर उन्होंने सबसे पहले आरोग्य पैथोलॉजी सेंटर पर जांच कराई, जहाँ उन्हें नॉर्मल रिपोर्ट दे दी गई।
संदेह होने पर, पीड़ित ने दो दिन बाद अल्फा लैब पैथोलॉजी सेंटर पर जांच कराई। आश्चर्यजनक रूप से, इन दोनों सेंटरों की रिपोर्ट में काफी अंतर पाया गया, जिससे पीड़ित तनावग्रस्त हो गए।
इसके बाद, पीड़ित ने सिंगरौली, बैढ़न के डॉ. गंगा वैश्य को रिपोर्ट दिखाई। डॉक्टर की सलाह पर जब तीसरी बार जांच कराई गई, तो इस जांच की रिपोर्ट में भी पूर्व की दोनों ‘लोकल’ रिपोर्टों से भारी अंतर मिला।
“हमारी जान जा सकती थी,” पीड़ित ने लगाई गुहार

जयप्रकाश गुप्ता ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि “इन (स्थानीय) रिपोर्टों के आधार पर अगर हम दवा लेते, तो हमारी जान जा सकती थी।”
इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए, पीड़ित ने तत्काल मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य चिकित्साधिकारी सोनभद्र और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत पत्र और तीनों रिपोर्टें भेजी हैं। उन्होंने मांग की है कि ऐसे फर्जी पैथोलॉजी सेंटरों के विरुद्ध निष्पक्ष जांच कराकर सख्त दण्डात्मक कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में अन्य मरीजों के साथ ऐसी पुनरावृत्ति न हो।
विभागीय कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन पैथोलॉजी सेंटरों पर गलत रिपोर्ट देने के कई मामले पहले भी उजागर हो चुके हैं। विभागीय कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर इन्हें सील कर दिया जाता है, लेकिन फिर विभाग की मेहरबानी से ये संचालक बोर्ड-बैनर बदलकर फिर से संचालन शुरू कर देते हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
इस संबंध में जब नोडल अधिकारी गुलाब शंकर यादव, सोनभद्र, से जानकारी ली गई, तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें शिकायत प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा है कि संबंधितों की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
जनता ने स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया है कि वह जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करे और सोनभद्र में स्वास्थ्य जांच के नाम पर चल रहे इस अवैध कारोबार पर पूर्ण विराम लगाए।
