गाजीपुर: महाकुंभ इन दिनों सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है। इस महाकुंभ में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं और संगम में स्नान करके अपने पापों से मुक्ति पाने का विश्वास रखते हैं। लेकिन इस आस्था को लेकर कुछ नेता अपने विवादित बयान देकर सुर्खियों में आ जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ जब गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने महाकुंभ पर एक विवादित बयान दिया, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
अफजाल अंसारी का विवादित बयान
महाकुंभ के दौरान जब माघी पूर्णिमा पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर स्नान करने पहुंचे, तो अफजाल अंसारी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “संगम तट पर नहाकर व्यक्ति का पाप धुल जाएगा, इसका मतलब यह है कि बैकुंठ जाने का रास्ता खुल जाएगा। अब जो भीड़ देखने को मिल रही है, उससे ऐसा लग रहा है कि अब नर्क में कोई नहीं बचेगा और स्वर्ग में हाउसफुल हो जाएगा।”
अफजाल अंसारी का यह बयान विवादों में घिर गया, क्योंकि उन्होंने महाकुंभ के आयोजन को लेकर कुछ अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके बाद से ही उनके बयान ने सनातन धर्म के अनुयायियों के बीच एक नई बहस को जन्म दिया।
महाकुंभ की भीड़ और रेल यात्रा में परेशानी
इसके साथ ही उन्होंने माघी पूर्णिमा के दौरान महाकुंभ में आने वाली भारी भीड़ पर भी टिप्पणी की। अफजाल अंसारी ने कहा, “यहां तक कि ट्रेनों में भीषण भीड़ है, लोग ट्रेन के शीशे तोड़ रहे हैं। इस भीड़ में महिलाएं और बच्चे भयभीत हो रहे हैं, और महिलाएं अपने बच्चों को गोदी में छुपाकर बिलख रही हैं।”
सांसद ने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी आंखों से देखा कि तरह लोग ट्रेनों में यात्रा करते हुए असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 15 से 20 साल के लड़के ट्रेनों में तोड़फोड़ कर रहे थे। इस तरह की भीड़-भाड़ के कारण दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है और महाकुंभ के दौरान भगदड़ की घटनाओं ने कई जिंदगियों को छीन लिया। हालांकि, अब तक भगदड़ में हुई मौतों का सही आंकड़ा सामने नहीं आया है।
सांसद का बयान क्यों विवादित हुआ
अफजाल अंसारी का यह बयान महाकुंभ के धार्मिक महत्व को लेकर दिया गया था, लेकिन उन्होंने जिस अंदाज में यह टिप्पणी की, वह कई लोगों को आपत्तिजनक लगा। विशेष रूप से उनके द्वारा ‘स्वर्ग में हाउसफुल’ और ‘नर्क में कोई नहीं जाएगा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए असम्मानजनक माना गया। उनके बयान के बाद कई हिंदू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला करार दिया।
विवादित बयान पर राजनीति
अफजाल अंसारी का यह बयान ताज्जुब में डालने वाला है, क्योंकि वह समाजवादी पार्टी (सपा) के एक बड़े नेता हैं और उनकी टिप्पणी को राजनीति से जोड़ा जा रहा है। इससे पहले भी कई बार अफजाल अंसारी विवादों में रहे हैं, लेकिन इस बार उनका बयान कुछ ज्यादा ही चर्चित हो गया।
महाकुंभ और उसके महत्व पर समाज का नजरिया
महाकुंभ हिंदू धर्म में आस्था का प्रतीक है, जहां लाखों लोग हर 12 साल में एक बार संगम पर स्नान करने के लिए आते हैं। यह धार्मिक आयोजन भारतीय संस्कृति का हिस्सा है और लाखों लोगों के लिए इसका महत्व बहुत अधिक है। हालांकि, अफजाल अंसारी के बयान के बाद इसे लेकर आस्था और राजनीति दोनों का मिश्रण हो गया है।