लखनऊ, उत्तर प्रदेश: सावन के पवित्र माह में देशभर में कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है, और लाखों शिवभक्त पैदल गंगा जल लेकर हरिद्वार, गढ़मुक्तेश्वर, वाराणसी, प्रयागराज जैसे धार्मिक स्थलों के लिए निकल पड़े हैं। जगह-जगह इन शिवभक्तों की सेवा और स्वागत किया जा रहा है। इसी बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद इकरा हसन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह भगवा दुपट्टा ओढ़े हुए श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटती दिखाई दे रही हैं।
सांसद ने कहा- यह हमारे देश की साझी संस्कृति है
दरअसल, सपा सांसद इकरा हसन एक कांवड़ियों के लिए बने शिविर में पहुंची थीं। वहां शिविर संचालकों ने सांसद को भगवा रंग का पटका पहनाकर सम्मानित किया। इसके बाद इकरा हसन यही भगवा पटका पहनकर प्रसाद वितरित करती रहीं, जिसका वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया। शिवभक्तों की सेवा कर प्रसाद वितरित करने के बाद सपा सांसद ने कहा कि “यह हमारे देश की साझी संस्कृति है, इसे बढ़ावा देना चाहिए।”
वीडियो देख लोगों ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
इकरा हसन के कांवड़ियों की सेवा करने वाले इस वीडियो को देखकर लोगों ने सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर ने लिखा, “धर्म से ऊपर इंसानियत होती है, इकरा जी ने यही दिखाया।” दूसरे ने कहा, “यह वीडियो बताता है कि सब मिलकर साथ चलें तो देश कितना सुंदर दिखता है।” यह वीडियो ऐसे समय में सामने आया है जब उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर कुछ निर्देशों पर विवाद गहराया हुआ है।
ढाबों पर नेम प्लेट विवाद और सपा-कांग्रेस का विरोध
विशेषकर, योगी सरकार द्वारा ढाबों पर मुस्लिम संचालकों को अपने नाम स्पष्ट रूप से नेम प्लेट पर प्रदर्शित करने का आदेश दिए जाने के बाद से चर्चाओं का दौर चल पड़ा था। सपा ने इसका कड़ा विरोध किया था। समाजवादी पार्टी के नेता और मुरादाबाद से पूर्व सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने तो इस मामले पर ऐसा बयान दे डाला था, जिस पर बवाल मच गया। एसटी हसन ने ऐसा करने वालों की तुलना पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों से कर डाली थी। उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी की राजनीति हमेशा से हिंदू-मुस्लिम के नाम पर बंटवारे की रही है। उनके मुताबिक, यह नेम प्लेट का नियम लोगों में ‘डर और नफरत फैलाने का हथकंडा’ है। हसन ने यह भी कहा कि अगर कोई अपनी धार्मिक पहचान बताना चाहे तो ठीक, लेकिन जबरदस्ती धर्म पूछना गलत है।
वहीं, सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी इस आदेश का विरोध करते हुए कहा था कि “यह मोहब्बत का देश है, नफरत का नहीं है।” उन्होंने कहा कि पिछली बार भी ऐसी कोशिशें विफल हुई थीं और इस बार भी लोग उन्हें विफल कर देंगे। कांग्रेस सांसद ने इससे पहले भी कांवड़ यात्रा को शांति और सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में अधिक सेंसेशन फैलाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। वह खुद भी कांवड़ शिविरों में सेवा कार्य करते रहे हैं।
योगी सरकार के कांवड़ यात्रा को लेकर निर्देश और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
वहीं दूसरी ओर, कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार ने कई आदेश लागू किए हैं। इनमें कांवड़ यात्रा तक खुले में मांस बिक्री पर रोक, ढाबों की सफाई, जल व्यवस्था और म्यूजिक सिस्टम के लिए ध्वनि सीमा जैसे निर्देश शामिल हैं। अनेक जिलों में पुलिस ने धारा 163 के तहत प्रदर्शन पर रोक लगाई है और सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
महिला कांवड़ियों की सुरक्षा पर विशेष जोर
सावन में निकाली जा रही कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार ने इस बार कई विशेष तैयारियां की हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर खास जोर दिया गया है। सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर 10,000 से अधिक महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की है।
पुलिस विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 66,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती में से करीब 15 प्रतिशत बल महिला पुलिसकर्मियों का है, जिसमें 8,541 महिला सिपाही और 1,486 महिला उपनिरीक्षक शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला केंद्रित सुरक्षा मॉडल अपनाने के निर्देश दिए थे। सीएम योगी के निर्देश के बाद प्रदेश भर में महिला श्रद्धालुओं के लिए विशेष हेल्प डेस्क, क्यूआरटी गश्त और रात्रिकालीन ड्यूटी में महिला बल की तैनाती सुनिश्चित की गई है।
हेल्प डेस्क पर रहेंगी महिला कांस्टेबल: न्यूज़ एजेंसी की खबर के मुताबिक, यात्रा मार्गों पर 150 से अधिक महिला हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। इन सभी पर महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है, जो न केवल सहायता करेंगी बल्कि संवेदनशील मामलों में परामर्श भी उपलब्ध कराएंगी। इसके अलावा, महिला स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से ‘शक्ति हेल्प बूथ’ भी विभिन्न जिलों में स्थापित किए जा रहे हैं। इन बूथों पर महिला श्रद्धालुओं को ठहरने, मार्गदर्शन प्राप्त करने और ज़रूरत पड़ने पर चिकित्सा परामर्श तक की सुविधा मिल सकेगी।
मेरठ जोन में सबसे बड़ा महिला बल तैनात: कांवड़ यात्रा के प्रमुख मार्गों में से एक मेरठ जोन में सबसे अधिक महिला पुलिसकर्मी तैनात की गई हैं। मेरठ, मुज़फ्फरनगर, बागपत, हापुड़ और ग़ाज़ियाबाद जैसे जिलों में कुल मिलाकर 3,200 महिला पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हैं। इन जिलों में यात्रा मार्गों पर नियमित गश्त के अलावा, संवेदनशील बिंदुओं पर विशेष निगरानी भी रखी जा रही है। महिला श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर कुछ किलोमीटर पर सहायता केंद्र बनाए गए हैं।
ड्रोन, सीसीटीवी और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग से निगरानी तेज: सुरक्षा व्यवस्था को और पुख़्ता बनाने के लिए यात्रा मार्गों पर ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी नेटवर्क की मदद से निगरानी की जा रही है। साथ ही, सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियों की ट्रैकिंग भी की जा रही है, ताकि किसी भी अफवाह या अशांति को समय रहते रोका जा सके।