‘आवारा नहीं, मजबूर हैं ये प्राणी’: आगरा के ‘ट्री मैन’ त्रिमोहन मिश्रा की भावुक अपील – कुत्तों की रक्षा हम सबका धर्म!

Arjun Singh
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'आवारा नहीं, मजबूर हैं ये प्राणी': आगरा के 'ट्री मैन' त्रिमोहन मिश्रा की भावुक अपील - कुत्तों की रक्षा हम सबका धर्म!

आगरा: सड़कों और गलियों में दिखने वाले कुत्तों को ‘आवारा’ कहने की प्रवृत्ति पर सवाल उठाते हुए, आगरा के जाने-माने पर्यावरण कार्यकर्ता त्रिमोहन मिश्रा ‘ट्री मैन’ ने एक भावुक अपील जारी की है। उन्होंने कहा है कि ये प्राणी ‘आवारा’ नहीं, बल्कि ‘मजबूर’ हैं, जिन्हें इंसान ने ही इस स्थिति में धकेला है। त्रिमोहन मिश्रा ने इन बेजुबान जीवों के प्रति करुणा और सहअस्तित्व की भावना अपनाने का आह्वान किया है।

कुत्तों पर अत्याचार नहीं, प्रेम का व्यवहार करें

त्रिमोहन मिश्रा ने अपने प्रेस नोट में कहा, “सच्चाई यह है कि इंसान ने ही इन्हें आवारा बना दिया है। इनका भी एक परिवार होता है, मां होती है, ममता होती है। ये भी इस धरती पर कुछ खास कर्म करने आए हैं।” उन्होंने जोर दिया कि कुत्तों की उपेक्षा, हिंसा और तिरस्कार ने उन्हें सतर्क तो बनाया है, लेकिन खूंखार नहीं।

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उन्होंने कुत्तों की वफादारी और रक्षात्मक स्वभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि वे सच्चे चौकीदार हैं, खतरे की आहट पहचानते हैं और बिना किसी परीक्षा के सुरक्षा की ड्यूटी निभाते हैं। “हमारे देश की सीमाओं पर, बम सूंघने से लेकर जान की बाज़ी लगाने तक, इन्होंने जो योगदान दिया है, वह अमूल्य है।”

समस्या सोच में है, समाधान सहअस्तित्व में

‘ट्री मैन’ के अनुसार, समस्या इन प्राणियों की उपस्थिति नहीं, बल्कि उस सोच की है जो अपने स्वार्थ के लिए इनकी जगह मिटाना चाहती है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर बचपन से ही बच्चों को जानवरों से प्रेम करना सिखाया जाए, तो ये डर नहीं, बल्कि दोस्ती लौटाएंगे।

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उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि कुछ लोग सिर्फ धार्मिक अवसरों पर इन प्राणियों को खाना देकर ‘धर्म’ निभाते हैं, जबकि बाकी समय इन्हें पत्थर, डंडे और गालियाँ मिलती हैं। त्रिमोहन मिश्रा ने स्पष्ट किया कि इनकी संख्या को खत्म करना कोई समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि नसबंदी के उपाय पहले से चल रहे हैं, लेकिन करुणा और सहअस्तित्व की भावना ही स्थायी हल है।

‘इन रक्षकों को सम्मान दीजिए’

त्रिमोहन मिश्रा ने हाथ जोड़कर निवेदन किया है कि लोग इन प्राणियों के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलें, इन्हें समझें और इन्हें अपनाएं। उन्होंने कहा, “अगर ये एक रात को भी आपकी सुरक्षा में चूक जाएं, तो आप खुद महसूस करेंगे कि इनका होना कितना ज़रूरी है।”

अपने गहरे प्रेम को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “मैं खुद अपनी जान प्रकृति और इन बेज़ुबानों के लिए दे सकता हूं – इतना प्रेम करता हूं इनसे। किसी को कष्ट नहीं देना चाहता, सिर्फ जगाना चाहता हूं।” उन्होंने प्रकृति से न खेलने की अपील करते हुए कहा कि वही हमारी मूल मां है।

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अंत में, ‘ट्री मैन’ ने स्कूल, कॉलेज, घर और सोशल मीडिया के माध्यम से इन जीवों के साथ प्रेम के लिए जागरूकता फैलाने की अपील की है, क्योंकि ये इस प्रकृति के अभिन्न हिस्सेदार हैं।

 

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