आलू बीज घोटाले पर सख्त कार्रवाई: आगरा के तीन उद्यान अधिकारी निलंबित

Jagannath Prasad
3 Min Read
demo pic

आगरा: राज्य सरकार ने आगरा के उद्यान विभाग में हुए सिंग ना फार्म आलू बीज घोटाले पर कड़ा रुख अपनाते हुए तीन बड़े अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई किसान नेता श्याम सिंह चाहर और अन्य प्रगतिशील किसानों की लगातार शिकायतों के बाद की गई है, जिसमें आलू बीज की खुदाई, बिनाई और चटाई (ग्रेडिंग) में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।

निलंबित हुए ये अधिकारी

किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने आज (तारीख) उद्यान निर्देशक बी पी राम से फोन पर हुई बातचीत का हवाला देते हुए निलंबन की पुष्टि की। शासन द्वारा निलंबित किए गए अधिकारियों में निम्नलिखित शामिल हैं:

See also  अनियंत्रित होकर पानी भरी खाई में लोडिंग ऑटो पलटा, कई घायल

डी डी धर्म पाल यादव

 पूर्व डी डी कौशल किशोर नीरज, आगरा

 डी एच ओ, आगरा

बताया गया है कि इन अधिकारियों पर घोटाले में संलिप्तता और नियमों के उल्लंघन के आरोप साबित हुए हैं।

किसान नेताओं का आरोप: क्या है पूरा मामला?

निलंबन की इस कार्रवाई को किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने “किसान को बदनाम करने की सज़ा” बताया है। 75 वर्षीय किसान नेता ने आरोप लगाया था कि दोषी अधिकारियों ने आलू माफियाओं की शह पर प्रगतिशील किसान लाखन सिंह त्यागी का मान-सम्मान ठेस पहुँचाया और उनके खिलाफ झूठी खबरें फैलाईं।

मुख्य आरोप और अनियमितताएँ:

* झूठी खबर फैलाना: अधिकारियों ने किसानों के बीच भ्रामक जानकारी फैलाई कि आलू बीज ₹60 प्रति कुंतल की दर से दिया गया है, जबकि यह दावा झूठा निकला और अधिकारी इसे साबित नहीं कर पाए।

See also  IMA-आगरा और सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने की एयरपोर्ट डायरेक्टर से मुलाकात, ली जानकारियां

* नियमों का उल्लंघन: किसानों ने शिकायत पत्र में उल्लेख किया था कि सिंग ना फार्म पर आलू की खुदाई, बिनाई और चटाई के दौरान आलू को 60 किलोमीटर दूर रखा गया था, जो उद्यान विभाग के नियमों के खिलाफ था।

* जाँच में दोषी: किसान नेता श्याम सिंह चाहर, सोमवीर यादव, दलीप सिंह, लक्ष्मीनारायण बघेल, विशंभर सिंह और लाखन सिंह त्यागी द्वारा शासन और जिलाधिकारी तक लगातार शिकायतें भेजी गई थीं। उद्यान निर्देशक बी पी राम ने मामले की जाँच की थी, जिसमें ये अधिकारी दोषी पाए गए।

आलू विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण बघेल ने भी इस संबंध में शासन को कई बार पत्र लिखकर अवगत कराया था, जिसका अंतिम फैसला आज निलंबन के रूप में सामने आया है।

See also  Agra News: तहसील मुख्यालय पर आरओ बने सफेद हाथी
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement