आगरा/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आज मौसम ने अचानक करवट ली, जिससे पूरे राज्य में भारी तब्दीली आई है। तेज हवाओं के साथ कई इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि हुई, जिसके कारण तापमान में भी गिरावट आई है। इस अप्रत्याशित मौसम बदलाव ने किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं, क्योंकि यह बदलाव उनकी फसलों के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है।
तेज हवा, बारिश और ओलावृष्टि से मौसम हुआ खराब
मौसम के इस अचानक बदलाव की शुरुआत बुलंदशहर से हुई, जहां तेज हवा के साथ झमाझम बारिश और ओले गिरे। इसके बाद राजधानी लखनऊ, कासगंज, मैनपुरी और आगरा जैसे बड़े शहरों में भी तेज हवा के साथ बारिश हुई, जिससे मौसम में ठंडक घुल गई। फिरोजाबाद में भी तेज हवा के साथ बारिश ने लोगों को परेशान किया।
पूर्वांचल में भी बढ़ी चिंता
पूर्वांचल के सोनभद्र, बाराबंकी और अन्य जिलों में भी बारिश और ओलावृष्टि की खबरें आई हैं। मौसम विभाग ने पहले ही प्रयागराज, मिर्जापुर और चंदौली में बारिश का अलर्ट जारी किया था, और इन क्षेत्रों में भी मौसम में बदलाव महसूस किया जा रहा है। इसके अलावा वाराणसी, भदोही, गाजीपुर और मऊ में अगले कुछ घंटों में बारिश की संभावना जताई गई है। बलिया और देवरिया में भी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
किसानों की बढ़ी चिंता
इस अचानक मौसम बदलाव ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर, रबी की फसलों पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। इस समय गेहूं और सरसों की फसल पककर तैयार हो चुकी है, और किसानों को इन्हें जल्द ही काटने की तैयारी थी। हालांकि, अब ओलावृष्टि और बारिश के कारण इन फसलों को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, मटर, सरसों और चना की फसल भी खेतों में पड़ी हुई हैं, और यह भी बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित हो सकती हैं।
फसलों के लिए खतरे का अलार्म
किसान इस समय अपनी फसलों की कटाई के लिए पूरी तरह तैयार थे, लेकिन मौसम के इस बदलाव से अब वे असमंजस में हैं। क्षेत्र के आसपास के गांवों में चना की फसल अधिक मात्रा में खड़ी है, और अब इस फसल को भी नुकसान होने का खतरा बढ़ गया है। पिछले साल भी तेज हवा, बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ था, और इस बार भी अगर यही स्थिति बनी रही, तो किसानों को एक बार फिर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों तक इसी तरह के मौसम की स्थिति बने रहने की संभावना जताई है। विभाग ने कल सुबह और शाम के वक्त गरज-चमक के साथ बारिश की चेतावनी दी है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाएं, ताकि नुकसान से बचा जा सके।
किसान परेशान, सरकार से मदद की उम्मीद
किसानों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में प्राकृतिक आपदाएं उनकी फसलों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा चुकी हैं। पिछले साल की घटनाओं को याद करते हुए उन्होंने कहा कि अगर इस बार भी फसलें बर्बाद होती हैं, तो वे आर्थिक रूप से और अधिक कमजोर हो जाएंगे। किसानों ने सरकार से सहायता की अपील की है, ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके और उन्हें राहत मिल सके।