अवैध रूप से वृक्ष पातन की शिकायत पर पहुंची टीम
मौके पर वृक्ष पातन की नहीं पुष्टि
आगरा (किरावली)। राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गांव विद्यापुर के समीप गाटा संख्या 149 में निर्माणाधीन पेट्रोल पंप की जमीन के आगे सुप्रीम कोर्ट के अधीन वृक्षों के पातन की विगत में हुई शिकायतों के बाद, आखिरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसका स्वतः संज्ञान लेकर मंगलवार को मौके पर अपनी टीम भेजी गई।
बताया जाता है कि उक्त जमीन पर अवैध रूप से वृक्ष पातन की विगत में हुई शिकायतों की जांच, वन विभाग की उच्चस्तरीय टीम द्वारा की गई थी। टीम द्वारा की गई जांच में वृक्ष पातन की पुष्टि नहीं हुई थी। इसके बावजूद शिकायतकर्ताओं द्वारा प्रकरण को सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के समक्ष ले जाया गया। कमेटी द्वारा शिकायतों का संज्ञान लेकर मंगलवार को स्थलीय निरीक्षण हेतु टीम भेजी गई।
इस दौरान डीएफओ आदर्श कुमार, एसडीओ अरविंद कुमार समेत हिंदुस्तान पेट्रोलियम के अधिकारियों और स्थानीय पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के चेयरमैन और सदस्यों ने शिकायत कर्ता पक्ष को भी सुनने के बाद बारीकी से प्रत्येक पहलू का गहन अध्ययन किया।
मौके पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में लगवाए गए वृक्ष यथावत मिले। चार घंटे तक टीम द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान वन विभाग के अधिकारियों की भी सांसें अटकी इसके बावजूद उनकी धड़कनें बढ़ रही थीं। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी को जांच सकारात्मकता मिलने पर वन विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
क्षेत्रवासियों ने पेट्रोल पंप और सीएनजी स्टेशन निर्माण का किया समर्थन
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के निरीक्षण के दौरान मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों का भी जमावड़ा रहा। नगर पंचायत किरावली के पूर्व चेयरमैन विनोद अग्रवाल, प्रधान विद्यापुर शिवराज सिंह, पूर्व प्रधान धर्मेंद्र शर्मा, ग्रामीण रघुवीर शर्मा आदि ने कहा कि निर्माणाधीन पेट्रोल पंप संचालक द्वारा क्षेत्रवासियों के हित में उक्त पंप का निर्माण स्वागतयोग है। इस पंप पर पेट्रोल डीजल के अलावा सीएनजी मिलने से क्षेत्रवासियों को काफी राहत मिलेगी। स्थानीय स्तर पर सीएनजी स्टेशन नहीं होने की स्थिति में लगभग 30 किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने पेट्रोल पंप निर्माण में शिकायतकर्ताओं की आपत्तियों को भी निराधार बताया। उन्होंने साफ कहा कि उनका प्रतिदिन यहां से आवागमन होता है, लेकिन हमने कभी भी वृक्षों का पातन होते नहीं देखा।