आगरा के सुरकुटी दृष्टिबाधित विद्यालय में सोसायटी विवाद से बच्चों की पढ़ाई बाधित। PAPA NGO ने Mandlaayukt और DM से न्याय की गुहार लगाते हुए 7 सूत्रीय माँगे रखीं। जानें क्यों हाईकोर्ट और शिक्षा महानिदेशक के आदेशों की हो रही है अनदेखी।
आगरा, उत्तर प्रदेश: आगरा में कीठम स्थित सुरकुटी दृष्टिबाधित विद्यालय के दिव्यांग बच्चों की शिक्षा एक सोसायटी के आपसी विवाद के कारण संकट में पड़ गई है। प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ़ पेरेंट्स अवेयरनेस (PAPA NGO) ने इस गंभीर मामले में उच्च न्यायालय इलाहाबाद और शिक्षा महानिदेशक के स्पष्ट निर्देशों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की माँग की है।
मंडलायुक्त से मुलाकात, जिलाधिकारी से कल होगी भेंट

सोमवार को PAPA NGO की प्रतिनिधि टीम, जिसमें समन्वयक श्रीमती सपना गुप्ता, पंकज टंडन और मीनाक्षी टंडन शामिल थे, विद्यालय के प्रधानाचार्य महेश कुमार और दृष्टिबाधित बच्चों के साथ मंडल आयुक्त, आगरा मंडल से मिलने पहुँचे।
मंडलायुक्त महोदय ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जिलाधिकारी, आगरा से तुरंत भेंट करने का सुझाव दिया और फ़ोन पर उनसे बात भी की। हालांकि, प्रतिनिधिमंडल के जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचने से पहले ही जिलाधिकारी महोदय कार्यालय से प्रस्थान कर चुके थे। अब PAPA NGO की टीम इस महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर मंगलवार को जिलाधिकारी से भेंट करेगी।
सोसायटी की लड़ाई में बच्चों का भविष्य दाँव पर
PAPA NGO की समन्वयक सपना गुप्ता ने स्पष्ट किया कि यह पूरा विवाद सोसायटी की आपसी लड़ाई का नतीजा है, जिसमें दृष्टिबाधित बच्चों को बेवजह घसीटा जा रहा है। उन्होंने कहा, “इस तनाव से इन विशेष बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और भविष्य पर गंभीर असर पड़ रहा है।”
सपना गुप्ता ने रेखांकित किया कि हाल ही में जारी कुछ विभागीय एकतरफा आदेशों के कारण बच्चों की नियमित पढ़ाई बाधित होने की स्थिति बन गई है। यह न केवल मानवीय और नैतिक, बल्कि संवैधानिक और कानूनी दृष्टि से भी अत्यंत गंभीर विषय है। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने संबंधित प्रतिनिधित्व पर समयबद्ध निर्णय लेने का निर्देश दिया है, फिर भी एकतरफा कार्रवाई की जा रही है, जिससे सबसे अधिक नुकसान उन बच्चों को हो रहा है जो पहले से ही विशेष चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
PAPA NGO की प्रशासन से 7 सूत्रीय माँगें
PAPA NGO ने प्रशासन से स्थिति को सुधारने के लिए सात (7) स्पष्ट माँगें रखी हैं:
नई सोसायटी का गठन: माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश (writ – c 24325/2025 दिनांक 28/7/2025) के अनुसार नई सोसायटी का अविलंब गठन किया जाए और पुरानी सोसायटी के आदेश तत्काल निरस्त किए जाएं।
शिक्षा बाधक आदेशों पर रोक: दृष्टिबाधित बच्चों की शिक्षा पर तत्काल प्रभाव डालने वाले सभी आदेशों पर तुरंत रोक लगाई जाए।
स्वतंत्र जाँच: पूरे मामले की एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और मानवीय दृष्टिकोण से जाँच कराई जाए।
शिक्षा की निर्बाध निरंतरता: जाँच अवधि के दौरान भी विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों की पढ़ाई बिना किसी बाधा के जारी रहने दी जाए।
भवन मरम्मत की अनुमति: वन विभाग को निर्देशित किया जाए कि सुरकुटी में जीर्ण-शीर्ण हो चुके भवन की मरम्मत के लिए निर्माण सामग्री को अंदर ले जाने की इजाज़त प्रदान की जाए।
शुल्क मुक्ति और बैरियर: सुरकुटी में आने वाले बच्चों और वाहनों को टिकट (शुल्क) से मुक्त किया जाए। कीठम जाने वाले वाहनों से शुल्क लेने के लिए बैरियर को सुरकुटी के तिराहे से आगे की ओर लगाया जाए।
दिव्यांग बच्चों का हित सर्वोपरि: किसी भी प्रशासनिक निर्णय में दिव्यांग बच्चों के सर्वोत्तम हित को सर्वोपरि रखा जाए।
समाधान नहीं तो सड़कों पर आंदोलन
संस्था के राष्ट्रीय संयोजक दीपक सिंह सरीन ने चेतावनी दी कि PAPA NGO का उद्देश्य विवाद पैदा करना नहीं, बल्कि समाधान खोजना है। उन्होंने कहा, “यदि प्रशासन ने समय रहते संतुलित हस्तक्षेप नहीं किया और बच्चों के भविष्य की क्षति हुई, तो उसके लिए व्यवस्था स्वयं उत्तरदायी होगी। हमें मजबूरन इन दिव्यांग बच्चों के हित में सड़क पर आंदोलन की भूमिका बनानी पड़ेगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की ही मानी जाएगी।”
PAPA NGO दिव्यांग बच्चों के अधिकार, शिक्षा और संरक्षण के लिए लगातार कार्यरत है और इस गंभीर विषय पर प्रशासन के त्वरित और मानवीय हस्तक्षेप का इंतजार कर रहा है।
