स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित दावा: तिरुपति, जगन्नाथ बुद्ध मंदिर थे?; अयोध्या में बुद्ध अवशेष

Dharmender Singh Malik
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प्रयागराज। बौद्ध धर्म भेदभाव को मिटाकर सभी को एकजुट करने का कार्य करता है, जिसके कारण विकसित देशों के अधिकांश लोग इसे अपना रहे हैं। यह बातें पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रयागराज में विश्व बौद्ध महोत्सव की तैयारी के लिए आयोजित कार्यक्रम में कही।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह दावा किया कि तिरुपति बाला जी और जगन्नाथ पुरी सहित कई प्राचीन मंदिर वास्तव में भगवान बुद्ध के हैं, जिन्हें शंकर और विष्णु के रूप में प्रचारित किया गया है।

उन्होंने कहा, “पाखंडवाद और भ्रष्टाचार भारत की छवि को धूमिल कर रहे हैं, जो मानवता के खिलाफ है। बौद्ध धर्म सभी को एकजुट करता है, और यही कारण है कि अधिकांश विकसित देशों के लोग इसे अपना रहे हैं।”

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प्रयागराज में 27 अक्टूबर को होने वाले विश्व बौद्ध महोत्सव की तैयारियों के सिलसिले में बाल भारती स्कूल में विभिन्न वर्गों के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि जहां भी खोदाई की जाती है, वहां बुद्ध के अवशेष मिलते हैं। अयोध्या में भी तीन बार खोदाई की गई, और हर बार बुद्ध के अवशेष पाए गए, लेकिन इसके बाद खोदाई रुकवा दी गई।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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