फतेहपुर सीकरी। स्वामी विवेकानंद के आदर्श आज भी समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं। उनकी शिक्षाएं और विचार आज भी हर किसी के जीवन में उत्थान और दिशा देने के लिए प्रासंगिक हैं। यह विचार उप जिलाधिकारी राजेश कुमार ने अखंड भारत परशुराम सेना के टोल कार्यालय पर आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किए।
उप जिलाधिकारी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अपनी जिंदगी को समाज सेवा और मानवता के लिए समर्पित किया। उनका शिकागो में दिया गया ऐतिहासिक संबोधन न केवल भारत की पहचान बना, बल्कि उन्होंने दुनिया भर में भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को भी एक नई दिशा दी। स्वामी विवेकानंद के विचारों के बिना भारत का कोई भी सामाजिक परिवर्तन अधूरा है।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर की गई। इसके बाद खिचड़ी सहभोज का आयोजन किया गया, जिसमें जरूरतमंदों को कंबल बांटे गए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करना था और उनके विचारों को समाज में फैलाना था।
स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का महत्व
उप जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि स्वामी विवेकानंद ने हमेशा युवाओं को प्रेरित किया कि वे खुद को पहचानें और अपनी शक्ति को पहचान कर समाज की सेवा करें। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आध्यात्मिकता का पहला कदम खुद को जानना है।
इस मौके पर अखंड भारत परशुराम सेना के राष्ट्रीय संगठन मंत्री पुरुषोत्तम वशिष्ठ, शिशुपाल कटारा, समाजसेवी राजेंद्र शर्मा, फिरोज जमा खान, नीरज शुक्ला, जिग्नेश कुमार, अवधेश शर्मा, वासुदेव वशिष्ठ, स्वामी अमरेश, विपिन अग्रवाल, अजीत अग्रवाल, गौरव गर्ग, लखन लाल वशिष्ठ, रुद्रदेव समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
स्वामी विवेकानंद के विचारों का महत्व
स्वामी विवेकानंद का जीवन हमेशा हमें प्रेरित करता है कि हम अपनी आत्मा की शक्ति को पहचानें और उसका सही उपयोग करें। उनका विश्वास था कि भारत को एक शक्तिशाली और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को अपनी शक्ति का सही दिशा में प्रयोग करना होगा। उनका संदेश आज भी हमारे समाज में उतना ही प्रासंगिक है जितना उस समय था जब उन्होंने यह बातें दुनिया के सामने रखी थीं।