आगरा (किरावली)। क्षेत्रीय लोगों द्वारा जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर एसटीपी के द्वारा आगरा टर्मिनल रजवाहा में छोड़े जा रहे गन्दे पानी की जांच कराने की मांग की गई थी।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बिचपुरी द्वारा बिना उपचार सीवर के गन्दे पानी को आगरा टर्मिनल रजवाहा में छोड़े जाने से नहर के माध्यम से सैकड़ों गांवों के किसानों की फसलों को कीटाणु, हानिकारक तत्त्वों के कारण नुकसान पहुंचने और किसानों की उपजाऊ जमीन बंजर होने की शिकायत की गई थी। ग्रामीणों के मुताबिक आसपास के गांवों का भूगर्भ जल व वायु प्रदूषित हो रहा है जिससे क्षेत्रीय लोगों को रहने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जांच के क्रम में जिलाधिकारी भानु गोस्वामी के निर्देश पर आज विश्वनाथ शर्मा क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षितिश पटेल सहायक वैज्ञानिक अधिकारी, अमरेन्द्र सिंह वैज्ञानिक सहायक व एसटीपी को संचालित कर रही वबाग संस्था के अनुज त्रिपाठी सहित अन्य कर्मचारियों ने किसान नेता चौधरी दिलीप सिंह, चौधरी बीरी सिंह, चौधरी पुष्पेन्द्र सिंह व ज्ञान सिंह कुशवाह की मौजूदगी में सीवेज इनलेट और सीवेज आउटलेट पानी के नमूने लिए और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहर पास के हैंडपंप के पानी का भी नमूना लिया गया।
किसान नेता चौधरी दिलीप सिंह ने बताया कि जांच को गई प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने केवल 40 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के नमूने लिए हैं, 36 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के नमूने नहीं लिए गए हैं। जबकि किसानों के द्वारा दोनों प्लांटों की शिकायत दर्ज कराई गई थी।