तहसीलदार दादा और वैद्य नाना की लाडली रिद्धिश्री ने CBSE में लहराया परचम, डॉक्टर बन करेगी समाज सेवा

Gaurangini Chaudhary
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तहसीलदार दादा और वैद्य नाना की लाडली रिद्धिश्री ने CBSE में लहराया परचम, डॉक्टर बन करेगी समाज सेवा

आगरा। अपनी मेहनत और अटूट लगन के दम पर रिद्धिश्री मिश्रा ने CBSE 12वीं की परीक्षा में शानदार 97 प्रतिशत अंक हासिल कर न केवल अपना बल्कि अपने परिवार और शहर का नाम भी रोशन किया है। रिद्धिश्री के दादा आर. डी. मिश्रा प्रशासनिक सेवा में तहसीलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि उनके नाना डॉक्टर शिव कुमार शर्मा एक प्रतिष्ठित आयुर्वेदाचार्य हैं।

अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त रिद्धिश्री अपनी मां अमिता मिश्रा को अपना आदर्श मानती हैं। पीएचडी की डिग्री होने के बावजूद अमिता मिश्रा ने अपनी बेटी रिद्धिश्री के पालन-पोषण और पारिवारिक जिम्मेदारियों को प्राथमिकता दी और कहीं नौकरी नहीं की। आज बेटी की यह उपलब्धि उनकी परवरिश का ही प्रतिफल है। रिद्धिश्री के पिता अरुण मिश्रा एक किसान, रियल एस्टेट प्रमोटर, डेवलपर और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनके अनुसार, बेटी की इस सफलता का पूरा श्रेय प्रभु की कृपा, बुजुर्गों के आशीर्वाद और रिद्धिश्री की कड़ी मेहनत को जाता है।

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नर्सरी से दसवीं कक्षा तक सेंट पैट्रिक स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने वाली रिद्धिश्री ने 10वीं में भी 96 प्रतिशत अंक हासिल कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था। इसी उपलब्धि को उन्होंने अपनी अगली चुनौती मानकर 12वीं सीबीएसई बोर्ड की तैयारी की और अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 97 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।

एक डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करने का दृढ़ संकल्प रखने वाली रिद्धिश्री मिश्रा ने NEET की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए अपना बोर्ड बदलकर CBSE माध्यम चुना था। ग्यारहवीं कक्षा में उन्होंने SSAV कॉलेज में दाखिला लिया और अपना पूरा ध्यान NEET की तैयारी पर केंद्रित कर दिया। इसके साथ ही वह NCERT की किताबें भी नियमित रूप से पढ़ती रहीं।

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12वीं की बोर्ड परीक्षा और NEET की प्रवेश परीक्षा लगभग एक ही समय पर होने के बावजूद रिद्धिश्री विचलित नहीं हुईं और उन्होंने अपना अधिकांश समय NEET की तैयारी को समर्पित किया। उन्होंने रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक और दिन में दोपहर 1 बजे से 6 बजे तक पढ़ने का नियम बनाया था।

रिद्धिश्री ने हाल ही में NEET की प्रवेश परीक्षा दी है और अब उन्हें अपने परिणाम का बेसब्री से इंतजार है। CBSE के परिणाम घोषित होने के बाद से ही उन्हें शुभचिंतकों से लगातार बधाईयां मिल रही हैं। उनकी यह सफलता निश्चित रूप से अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

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