ताजमहल में ‘हीटवेव मॉकड्रिल’: लू से पर्यटकों को बचाने का प्लान, अब मिलेगी टेलीमेडिसिन सुविधा भी!

Saurabh Sharma
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ताजमहल में 'हीटवेव मॉकड्रिल': लू से पर्यटकों को बचाने का प्लान, अब मिलेगी टेलीमेडिसिन सुविधा भी!

आगरा: हाईटेक शहर आगरा में भीषण गर्मी और हीटवेव के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए, आज (शनिवार, 14 जून 2025) ताजमहल परिसर में एक हीटवेव मॉकड्रिल और जागरुकता प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. अरुण श्रीवास्तव के निर्देशन में हुई इस मॉकड्रिल में, यह दर्शाया गया कि हीटवेव से पीड़ित पर्यटक की जान कैसे बचाई जाएगी।

मॉकड्रिल का सफल प्रदर्शन

मॉकड्रिल के दौरान, हीटवेव से पीड़ित एक डमी पर्यटक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों द्वारा स्ट्रेचर पर ताजमहल परिसर में स्थित स्वास्थ्य विभाग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) पर लाया गया। यहाँ चिकित्सक ने उसे प्राथमिक उपचार दिया, और फिर एम्बुलेंस के माध्यम से उसे ज़िला अस्पताल भेज दिया गया। इस प्रक्रिया ने हीटवेव की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया और उपचार के महत्व को उजागर किया।

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ताजमहल PHC का अपग्रेडेशन और टेलीमेडिसिन सेवा

CMO डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि ताजमहल परिसर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2023 से एक डिस्पेंसरी संचालित की जा रही है, जो अब अपग्रेड होकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बन गई है। उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही यहाँ पर टेलीमेडिसिन सेवाएं भी शुरू की जाएंगी, जिससे पर्यटकों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकें।

डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि आगरा में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुँच गया है और हीटवेव चल रही हैं। ऐसे में पर्यटकों, CISF जवानों, ASI स्टाफ, टूरिस्ट गाइड और फोटोग्राफरों को जागरुक करने के उद्देश्य से यह मॉकड्रिल और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्यटकों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जागरुकता फैलाना और अधिकतम पर्यटकों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा का लाभ दिलाना है।

उपलब्ध सुविधाएँ और आपातकालीन प्रक्रिया

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने जानकारी दी कि ताजमहल पीएचसी में मरीजों के प्राथमिक उपचार के लिए एमबीबीएस डॉक्टर, फार्मासिस्ट और दो प्रशिक्षित स्टाफ हमेशा तैनात रहते हैं। यहाँ पर मरीजों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर, पल्स मॉनिटर, ईसीजी मशीन और प्राथमिक उपचार हेतु दवाएं मौजूद हैं। यदि मरीज को उच्च उपचार की आवश्यकता होती है, तो उसे तुरंत एडवांस लाइफ सपोर्ट (ALS) एंबुलेंस द्वारा ज़िला अस्पताल या एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। मॉकड्रिल में भी इसी प्रक्रिया को दोहराया गया।

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीपीएम कुलदीप भारद्वाज, ताजमहल पीएचसी नोडल अनिल सत्संगी, सीआईएसएफ के डिप्टी कमांडेंट राकेश शुक्ला, एएसआई के सरंक्षण सहायक सतीश कुमार और अन्य स्टाफ ने मॉकड्रिल में सहयोग किया।

हीटवेव के लक्षण और प्राथमिक उपचार

हीटवेव की चपेट में आने के लक्षण:

  • शरीर का तापमान बढ़ना एवं पसीना आना।
  • सिरदर्द होना या सिर का भारीपन महसूस होना।
  • त्वचा का सूखा एवं लाल होना।
  • उल्टी, दस्त होना।
  • बेहोश हो जाना।
  • मांसपेशियों में ऐंठन होना।

हीटवेव से पीड़ित होने पर प्राथमिक उपचार:

  • व्यक्ति को ठंडे एवं छायादार स्थान पर ले जाएँ।
  • नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएँ।
  • व्यक्ति को पैर ऊपर रखकर सुला दें।
  • मरीज यदि बेहोश न हो तो ठंडा पानी पिलाएँ।
  • जितना हो सके कपड़े शरीर से निकाल दें।
  • पंखे से शरीर पर हवा डालें।
  • शरीर के ऊपर पानी से स्प्रे करें।
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धूप में जाने से पहले ये करें:

  • शरीर को पूरी तरह ढकने वाले सूती कपड़े पहनें।
  • सिर को टोपी, गमछा, छाता इत्यादि से ढकें।
  • पानी की बोतल साथ रखें।
  • लगातार धूप में न रहें।
  • बीच-बीच में छांव में बैठ जाएँ।

 

 

 

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