मथुरा: मथुरा के इंडियन ऑयल रिफाइनरी में मंगलवार शाम को एक बड़ा ब्लास्ट हुआ, जिसके बाद रिफाइनरी के ABU प्लांट में भीषण आग लग गई। इस हादसे में कम से कम 10 लोग झुलस गए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह ब्लास्ट इतना जोरदार था कि उसकी आवाज 1 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया, और पुलिस मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है।
40 दिन बाद चालू हुआ था रिफाइनरी प्लांट
यह हादसा उस वक्त हुआ जब रिफाइनरी का ABU प्लांट 40 दिनों के शटडाउन के बाद फिर से चालू किया गया था। शटडाउन के दौरान सभी कार्यों की जांच और मरम्मत की गई थी। हालांकि, रिफाइनरी के इस प्लांट में अचानक लीकेज होने की संभावना जताई जा रही है, जिसके कारण फर्नेस में ब्लास्ट हुआ। हादसे के बाद प्लांट में आग की लपटें ऊंची उठने लगीं, और कई कर्मचारी झुलस गए। हादसे के वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें आग और धुएं के गुबार को साफ देखा जा सकता है।
घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया
हादसे के तुरंत बाद घायल कर्मचारियों को अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमें से 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इनमें रिफाइनरी के प्रोडक्शन मैनेजर राजीव भी शामिल हैं। घायलों का इलाज आईसीयू में किया जा रहा है। हालांकि, राहत की बात यह है कि किसी के मरने की खबर नहीं है। परिजनों और अस्पताल में मौजूद अन्य लोगों ने हादसे की जानकारी मिलने के बाद मदद की और घायल व्यक्तियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
हादसे के कारणों की जांच जारी
पुलिस और रिफाइनरी प्रशासन ने घटना स्थल का दौरा किया और ब्लास्ट के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, शटडाउन के बाद कुछ तकनीकी खराबी के कारण प्लांट में लीकेज हो सकता है, जिससे फर्नेस में ब्लास्ट हुआ। हालांकि, अभी तक रिफाइनरी प्रबंधन की तरफ से इस हादसे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
घायलों के परिजन इस घटना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अस्पताल पहुंचे हैं, लेकिन रिफाइनरी प्रबंधन के लोग अभी इस घटना पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। एक घायल कर्मचारी के परिजन पुष्पराज ने कहा, “हमें हादसे के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है, हम केवल घायलों की हालत के बारे में जानने के लिए यहां आए हैं।”
रिफाइनरी में सुरक्षा को लेकर सवाल
यह हादसा रिफाइनरी में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाता है। 40 दिन के शटडाउन के बाद प्लांट को फिर से शुरू किया गया था, और अब इस दुर्घटना ने सुरक्षा के मामलों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। रिफाइनरी प्रबंधन को इस बात का जवाब देना होगा कि आखिरकार इतनी बड़ी दुर्घटना कैसे घटी, जबकि शटडाउन के दौरान सभी कार्यों को ठीक से जांचा और मरम्मत किया गया था।
मथुरा के नागरिकों और रिफाइनरी कर्मचारियों के बीच यह हादसा चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग जानना चाहते हैं कि इस तरह की घटना को रोकने के लिए प्रशासन और रिफाइनरी द्वारा क्या कदम उठाए जाएंगे।