डग्गामार वाहनों का आतंक: पाँच थाना क्षेत्रों में बेलगाम, नियमों की उड़ रहीं धज्जियां

Raj Parmar
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आगरा के जगनेर, खेरागढ़, कागारोल और मलपुरा थाना क्षेत्रों में डग्गेमार वाहनों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। ओवरलोडिंग, तेज रफ्तार और नियमों की अनदेखी से सड़क सुरक्षा खतरे में। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

आगरा: जिले के पाँच थाना क्षेत्रों – बसई जगनेर, जगनेर, खेरागढ़, कागारोल और मलपुरा में डग्गामार वाहनों का दबदबा बढ़ता ही जा रहा है। ये अवैध वाहन यातायात नियमों को खुलेआम ठेंगा दिखाते हुए सड़कों पर बेलगाम दौड़ रहे हैं। ओवरलोडिंग, तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण ये न केवल सड़क सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं, बल्कि लोगों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं।

चार थाना क्षेत्रों में फैला अवैध कारोबार

डग्गामार वाहनों का यह अवैध संचालन अब चार प्रमुख थाना क्षेत्रों में अपनी गहरी जड़ें जमा चुका है:

  • जगनेर थाना क्षेत्र: चुंगी नंबर 01 चौराहा और सरेंधी चौराहा इन वाहनों के प्रमुख अड्डे हैं। पुलिस द्वारा कार्रवाई के बावजूद चालक सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।
  • खेरागढ़ थाना क्षेत्र: नगला कमाल और दूधधारी चौकी के रास्तों पर इनका दिनभर आवागमन जारी रहता है और यहां फिलहाल कोई प्रभावी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है।
  • कागारोल थाना क्षेत्र: किरावली चौराहा और अकोला चौकी के पास सवारियों को ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है। यहां कभी-कभार ऊपरी दबाव पड़ने पर ही कार्रवाई दिखाई देती है।
  • मलपुरा थाना क्षेत्र: नहर वाला चौराहा इन वाहनों का मुख्य केंद्र बना हुआ है, जहां सवारियों को लादने की होड़ लगी रहती है।
  • बसई जगनेर
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ये सभी वाहन बिना परमिट और सुरक्षा मानकों के संचालित हो रहे हैं। इनके चालक और मालिक खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, जिससे सड़कों पर अराजकता का माहौल व्याप्त है।

सड़क सुरक्षा पर मंडराता खतरा

स्थानीय लोगों का कहना है कि ये डग्गामार वाहन अपनी क्षमता से कई गुना अधिक सवारियां ढोते हैं। तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण आए दिन छोटी-मोटी दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। निवासियों को डर है कि प्रशासन की निष्क्रियता के चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “ये वाहन सड़क पर चलते नहीं, बल्कि मौत को दावत देते हैं। ओवरलोडिंग और खराब हालत के बावजूद इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।” लोगों का यह भी आरोप है कि इन वाहनों को स्थानीय पुलिस का संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण ये बिना किसी भय के नियमों को तोड़ रहे हैं।

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जनता की पुकार: कार्रवाई कब होगी?

इन चारों थाना क्षेत्रों के निवासियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनकी जान की कीमत इतनी सस्ती क्यों आंकी जा रही है? लोगों की मांग है कि इन डग्गामार वाहनों को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। एक नाराज निवासी ने कहा, “हमारी शिकायतें कागजों में दबकर रह जाती हैं। अगर समय रहते कदम नहीं उठाया गया, तो किसी बड़े हादसे की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन पर होगी।” जनता इन वाहनों को जब्त करने, चालकों और मालिकों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने और सड़कों पर व्यवस्था बहाल करने की मांग कर रही है।

प्रशासन की चुप्पी, सांठगांठ का शक

इस गंभीर मामले में पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस जवाब या कार्रवाई सामने नहीं आई है। क्षेत्र में चर्चा है कि इन डग्गामार वाहनों के संचालकों और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच गहरी सांठगांठ है, जिसके चलते यह अवैध धंधा बिना किसी रुकावट के फल-फूल रहा है। प्रशासन की इस खामोशी ने लोगों के गुस्से को और बढ़ा दिया है। एक नागरिक ने सवाल उठाया, “क्या प्रशासन को हमारी जान की परवाह नहीं, या फिर कुछ और खेल चल रहा है?”

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मांग: चारों थानों में सख्त और त्वरित अभियान

लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि चारों थाना क्षेत्रों – जगनेर, खेरागढ़, कागारोल और मलपुरा में डग्गामार वाहनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई शुरू की जाए। उन्होंने सुझाव दिया है कि:

  • इन इलाकों में स्थायी चेकिंग पॉइंट्स बनाए जाएं।
  • अवैध वाहनों को तुरंत जब्त किया जाए।
  • दोषियों पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो।
  • पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न दोहराई जाए।

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