कानपुर: पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए कानपुर के वीर सपूत शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी ने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अपनी गहरी प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने भारतीय सेना की इस साहसिक कार्रवाई को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। संजय द्विवेदी ने कहा कि सेना की इस कार्रवाई ने उन्हें सरकार पर भरोसा करने का हौसला दिया है। उन्होंने पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद को भारतीय सेना द्वारा कुचलने के लिए सेना के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। भावुक पिता ने कहा कि जब से उन्होंने यह खबर सुनी है, उनका पूरा परिवार एक बड़ी राहत महसूस कर रहा है और यह कार्रवाई उनके बेटे को सच्ची श्रद्धांजलि है।
शुभम के रिश्तेदार मनोज द्विवेदी ने भी अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा कि 22 अप्रैल को अपने बेटे को खोने के बाद उन्होंने कहा था कि देश में आतंकवाद के खिलाफ एक क्रांति आएगी और प्रधानमंत्री मोदी इसे खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि आज सेना ने उनके बेटे को सच्ची श्रद्धांजलि दी है, जिसके लिए वे प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं। इस बीच, कानपुर समेत पूरे देश के कई हिस्सों में लोगों ने सड़कों पर उतरकर “भारतीय सेना जिंदाबाद” और “भारत माता की जय” के नारे लगाकर सेना की बहादुरी की सराहना की।
गौरतलब है कि शुभम द्विवेदी ने दो महीने पहले ही ऐशान्या के साथ शादी कर अपने जीवन की नई शुरुआत की थी। पूरा परिवार खुशी-खुशी कश्मीर घूमने गया था, लेकिन आतंकी हमले ने उनकी खुशियों को छीन लिया। हमले के बाद शुभम और ऐशान्या की शादी की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं, जो अब परिजनों के लिए असहनीय दर्द का कारण बन गई हैं। जो एल्बम पहले प्यारी यादों का संग्रह था, वही अब ऐशान्या की खामोशी में बदल चुका है। आतंकियों ने ऐशान्या के सामने ही शुभम का धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी थी।
शुभम द्विवेदी के चचेरे भाई ने उस भयावह मंजर को याद करते हुए बताया था कि उनकी भाभी ने उन्हें भाई को गोली लगने की सूचना दी थी। उन्होंने बताया कि शुभम और उनकी पत्नी मैगी खा रहे थे, तभी अचानक वर्दी में दो लोग आए और उनसे पूछा कि क्या वे मुसलमान हैं और उन्हें कलमा सुनाने को कहा। सही जवाब न मिलने पर आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी। उन्होंने सरकार से इस घटना का मुंहतोड़ जवाब देने की मांग की थी, ताकि भविष्य में कोई भी आतंकी ऐसी कायराना हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।
सीएम योगी ने भी कहा था, ये बर्दाश्त नहीं
पहलगाम आतंकी हमले में शहीद शुभम द्विवेदी के परिवार से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा था कि माताओं और बहनों के सामने किसी का सिंदूर उजाड़ना किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है, खासकर भारत में तो यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने पहलगाम में हुई घटना को क्रूर, वीभत्स और कायराना कृत्य बताया था, जिसकी न केवल देश बल्कि दुनिया के हर सभ्य समाज ने निंदा की है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह घटना दर्शाती है कि आतंकवाद अपने अंतिम सांसें ले रहा है और धर्म पूछकर की गई हत्या देश में कभी स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने आतंकवाद के ताबूत पर अंतिम कील ठोकने और आतंकियों को कठोर सजा दिलाने का संकल्प लिया था। सीएम योगी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि उनकी सरकार आतंकियों में वोट बैंक नहीं देखती, बल्कि उनके विषैले फन को कुचल डालेगी और आतंकवाद किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि यह डबल इंजन की सरकार है और यहां कोई भी ऐसी हरकत करके बच नहीं सकता।
भारत की एयर स्ट्राइक में तबाह पाक के 9 ठिकाने
- बहावलपुर: अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किमी दूर, जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय ध्वस्त।
- मुरीदके: अंतरराष्ट्रीय सीमा से 30 किमी दूर, लश्कर-ए-तैयबा का शिविर, 26/11 से जुड़ा था।
- गुलपुर: LoC (पुंछ-राजौरी) से 35 किमी दूर स्थित आतंकी ठिकाना।
- लश्कर कैंप सवाई: पीओके तंगधार सेक्टर के अंदर 30 किमी दूर स्थित।
- बिलाल कैंप: जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चपैड, आतंकियों को सीमा पार भेजने के लिए इस्तेमाल होता था।
- कोटली: एलओसी से 15 किमी दूर लश्कर का शिविर, 50 से अधिक आतंकियों की क्षमता।
- बरनाला कैंप: LoC से 10 किमी दूर स्थित आतंकी ठिकाना।
- सरजाल कैंप: सांबा-कठुआ के सामने अंतरराष्ट्रीय सीमा से 8 किमी दूर जैश का प्रशिक्षण केंद्र।
- मेहमूना कैंप (सियालकोट के पास): हिज्बुल मुजाहिदीन का प्रशिक्षण शिविर, अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी दूर।