घिरोर (मैनपुरी): कस्बे के पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आज 22वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ का मोक्ष कल्याणक बड़े ही धूमधाम और भक्तिभाव के साथ मनाया गया। सुबह से ही मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए, जिसमें श्री जी का अभिषेक किया गया और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।
निर्वाण लाडू समर्पित किए, भजनों से गूंजा मंदिर
इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में श्रावकों और महिलाओं ने अपनी भक्ति व्यक्त करते हुए भगवान को निर्वाण लाडू समर्पित किए। प्रसिद्ध भजन गायक विवेक जैन के मधुर भजनों ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया और पूरा मंदिर परिसर नेमिनाथ भगवान के जयकारों से गूंज उठा।
नेमिनाथ भगवान का जीवन: वैराग्य, तपस्या और मोक्ष
जैन धर्म ग्रंथों के अनुसार, नेमिनाथ भगवान ने श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन गिरनार पर्वत से मोक्ष प्राप्त किया था। उनके जीवन की कथा संयम, करुणा और अहिंसा का अनुपम उदाहरण है। विवाह के मंडप में जब उन्होंने जानवरों को वध के लिए ले जाते देखा, तो उनका मन विचलित हो गया। उन्होंने तत्कालीन राजकुमारी राजुल से विवाह न करने का निर्णय लिया और वैराग्य धारण कर लिया।
नेमिनाथ भगवान ने गिरनार पर्वत पर कठोर तपस्या की और अंततः 533 मुनियों के साथ मोक्ष प्राप्त किया। उनकी कथा में अहिंसा, त्याग और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का गहरा संदेश निहित है। राजुल भी नेमिनाथ के वैराग्य से प्रेरित होकर भिक्षुणी बनीं और अंततः उन्होंने भी निर्वाण प्राप्त किया। उनके आदर्श आज भी हमें आत्मशुद्धि और मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
इस धार्मिक आयोजन में चेयरमैन यतेंद्र जैन, नरेशचंद्र जैन, श्रेयांश जैन, भुवनेंद्र जैन, अमित जैन, कल्लू जैन, विकास जैन, आशीष जैन, अभिषेक जैन, पंडित अनुराग शास्त्री, सौभाग्य जैन, सोनू जैन, संजीव जैन, रजत जैन, प्रांजल जैन आदि सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग उपस्थित रहे और पुण्य लाभ कमाया।